राज्य कृषि समाचार (State News)

पंजाब: पराली जलाने पर काबू पाने के लिए मुख्यमंत्री का बड़ा कदम, अभियान में तेजी

01 अक्टूबर 2024, चंडीगढ़: पंजाब: पराली जलाने पर काबू पाने के लिए मुख्यमंत्री का बड़ा कदम, अभियान में तेजी – पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने पराली जलाने की घटनाओं पर काबू पाने के लिए किसानों को जागरूक करने की महत्त्वपूर्ण ज़रूरत पर जोर देते हुए एक सशक्त अभियान चलाने की बात कही। मुख्यमंत्री ने सोमवार को पराली प्रबंधन की तैयारियों पर अधिकारियों के साथ एक बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि किसानों को पराली जलाने से होने वाले नुकसान और पराली प्रबंधन मशीनों पर मिलने वाली सब्सिडी के बारे में जागरूक किया जाना चाहिए। इसके साथ ही, उन्होंने पंचायतों और सार्वजनिक स्थलों पर कस्टम हायरिंग सेंटर (सीएचसी) स्थापित करने का भी सुझाव दिया ताकि किसानों को पराली प्रबंधन मशीनें आसानी से उपलब्ध हो सकें।

बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने राज्य के सभी उपायुक्तों (डीसी) को अपने-अपने ज़िलों में किसानों को पराली जलाने के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक करने के लिए ज़ोरदार अभियान चलाने का निर्देश दिया। उनका मानना है कि यह जागरूकता अभियान पराली जलाने के खिलाफ एक जन आंदोलन का रूप ले सकता है। मुख्यमंत्री ने बताया कि कृषि एवं किसान कल्याण विभाग ने 2024-25 के फसल अवशेष प्रबंधन योजना के तहत किसानों से सब्सिडी के लिए आवेदन आमंत्रित किए हैं। इसके लिए agrimachinerypb.com पोर्टल पर आवेदन प्रक्रिया जारी है।

मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि 20 जून, 2024 तक 63,904 किसानों ने पराली प्रबंधन मशीनों के लिए आवेदन किया था, और फिर जिलों की मांग को ध्यान में रखते हुए 13 से 19 सितंबर के बीच पोर्टल को दोबारा खोला गया, जिससे कुल 1.07 लाख आवेदन प्राप्त हुए। सरकार ने 2024 में 14,000 मशीनें व्यक्तिगत किसानों को वितरित करने और 1100 कस्टम हायरिंग सेंटर स्थापित करने का लक्ष्य रखा है।

मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने यह भी बताया कि राज्य सरकार ने “उन्नत किसान” मोबाइल एप्लिकेशन लॉन्च किया है, जो किसानों के लिए पराली प्रबंधन मशीनों को बुक करने का एक सरल मंच है। यह एप छोटे और सीमांत किसानों को मशीनों तक आसानी से पहुँचने में मदद करेगा। अब तक 1.30 लाख पराली प्रबंधन मशीनों को इस एप पर सूचीबद्ध किया गया है। किसान इस एप से निकटतम कस्टम हायरिंग सेंटर से मशीनें बुक कर सकते हैं, और गाँव स्तर पर नोडल अधिकारी या क्लस्टर प्रमुख उनकी पसंद के अनुसार मशीनें प्री-असाइन करेंगे।

पराली प्रबंधन के लिए चलाए गए अभियान और मशीनों के उपयोग के कारण पराली जलाने की घटनाओं में भारी कमी आई है। मुख्यमंत्री ने बताया कि 2022-23 में 71,159 आगजनी की घटनाएं दर्ज की गईं, जो 2021-22 में 76,929 थीं। इसी तरह, 2023-24 में यह संख्या 49,922 रही, जो 2022-23 की तुलना में 26% कम है।

इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले तीन सालों में पराली जलाने की घटनाओं में 52% की कमी दर्ज की गई है, जो राज्य में पराली प्रबंधन के प्रयासों की सफलता को दर्शाता है।

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