राज्य कृषि समाचार (State News)

डिजिटल कृषि में सार्वजनिक-निजी भागीदारी पर विचार

13 जुलाई 2022, नई दिल्ली: डिजिटल कृषि में सार्वजनिक-निजी भागीदारी पर विचार – विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ), भारत के सहयोग से कृषि विभाग ने यहां डिजिटल कृषि में सार्वजनिक-निजी भागीदारी पर एक दिवसीय हितधारक परामर्श का आयोजन किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कृषि सचिव श्री मनोज आहूजा ने की। श्री आहूजा ने 2022-23 के केंद्रीय बजट भाषण का उल्लेख किया, जिसमें “सार्वजनिक क्षेत्र के अनुसंधान और विस्तार संस्थानों तथा कृषि मूल्य श्रृंखला के हितधारकों एवं निजी कृषि-प्रौद्योगिकी कंपनियों की भागीदारी के साथ किसानों को डिजिटल और हाई-टेक सेवाओं की सुविधा देना” विषय पर नीतिगत दृष्टिकोण को सामने रखा गया था।

इसके बाद, श्री राजीव चावला, मुख्य ज्ञान अधिकारी (ए एंड एफडब्ल्यू) ने डिजिटल कृषि के लिए सार्वजनिक निजी भागीदारी पर वैचारिक रूपरेखा साझा की। उन्होंने डेटा साझाकरण, प्रौद्योगिकी सत्यापन और सैंडबॉक्स की आवश्यकता पर प्रासंगिक बिंदुओं को भी साझा किया।

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श्री प्रमोद कुमार मेहरदा, संयुक्त सचिव (डिजिटल कृषि, डीए एंड एफडब्ल्यू) ने आधुनिक तकनीकों को शामिल करते हुए डिजिटल कृषि के परिप्रेक्ष्य के बारे में बात की, जो कृषि क्षेत्र में बदलाव ला रही है। उन्होंने डिजिटल कृषि की क्षमता को साकार करने में प्रत्येक हितधारक की भूमिका पर भी बल दिया।

श्री अजीत केसरी, अपर मुख्य सचिव, कृषि, मध्य प्रदेश ने भी डिजिटल कृषि और इसकी क्षमता पर अपने विचार साझा किए और राज्य के दृष्टिकोण को सामने रखा। उन्होंने कृषि में प्रौद्योगिकी लाने के लिए एक रूपरेखा की आवश्यकता पर बल दिया।

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सत्र को आगे बढ़ाते हुए, श्री पुरुषोत्तम कौशिक, प्रमुख, सीआईआर, डब्ल्यूईएफ-इंडिया ने हितधारक परामर्श की योजना तैयार की। पीपीपी शासन, डेटा, सैंडबॉक्स, बाजारों तक पहुंच, वित्त तक पहुंच और इनपुट व सलाह तक पहुंच पर विचार-विमर्श करने के लिए छह परामर्श समूहों का गठन किया गया।

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परामर्श में विभिन्न राज्य सरकारों, राज्य कृषि विश्वविद्यालयों, आईसीएआर, एग्रीटेक स्टार्ट-अप, कृषि उद्योग, बैंक, थिंक टैंक, नागरिक समाज और किसान संगठनों सहित विभिन्न हितधारकों के प्रतिभागियों ने भाग लिया। श्री जे. सत्यनारायण, मुख्य सलाहकार, डब्ल्यूईएफ-इंडिया और श्री राजीव चावला ने विस्तार से बताया कि इस पहल को विकसित करने के लिए परामर्श से प्राप्त इनपुट पर और विचार-विमर्श कैसे किया जाएगा। श्री राकेश कुमार तिवारी, आईटीएस, निदेशक (डिजिटल कृषि, डीए एंड एफडब्ल्यू) द्वारा आभार माना |

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