मध्यप्रदेश में सौर ऊर्जा को बढ़ावा: 3KW सोलर सिस्टम लगाने पर मिलेगी ₹78 हजार की सब्सिडी
03 जुलाई 2025, भोपाल: मध्यप्रदेश में सौर ऊर्जा को बढ़ावा: 3KW सोलर सिस्टम लगाने पर मिलेगी ₹78 हजार की सब्सिडी – मध्यप्रदेश में स्वच्छ और सस्ती बिजली को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार द्वारा प्रधानमंत्री सूर्य घर: मुफ्त बिजली योजना को प्रभावी रूप से लागू किया जा रहा है। इस योजना के तहत 3 किलोवाट का रूफटॉप सोलर सिस्टम लगाने पर उपभोक्ताओं को ₹78 हजार तक की सब्सिडी दी जा रही है। इस पहल का उद्देश्य राज्य को हरित ऊर्जा के क्षेत्र में अग्रणी बनाना है और नागरिकों को ऊर्जा आत्मनिर्भरता की ओर प्रेरित करना है।
सब्सिडी का विवरण
एमपी ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड (MPUVNL) के प्रबंध संचालक अमनवीर सिंह बैंस ने जानकारी दी कि केंद्र सरकार की ओर से सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए रूफटॉप सोलर सिस्टम पर सब्सिडी योजना चलाई जा रही है। उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत यदि कोई उपभोक्ता तीन किलोवाट का सोलर सिस्टम लगवाता है, तो उसे पहले दो किलोवाट के लिए प्रति किलोवाट ₹30,000 की दर से सब्सिडी दी जाएगी, जबकि तीसरे किलोवाट के लिए ₹18,000 की सब्सिडी मिलेगी। इस प्रकार कुल मिलाकर उपभोक्ताओं को अधिकतम ₹78,000 तक की सब्सिडी का लाभ मिलेगा।
आवेदन प्रक्रिया
राज्य के निवासी PM Surya Ghar पोर्टल पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। प्रदेश में 850 से अधिक अधिकृत वेंडर्स को पोर्टल पर सूचीबद्ध किया गया है, जिनमें से उपभोक्ता अपनी पसंद से किसी का चयन कर सकते हैं।
योजना के लाभ
1. दिन में सस्ती और स्थायी बिजली उपलब्ध होगी।
2. बिजली बिल में भारी बचत।
3. 5–6 वर्षों में निवेश की राशि की वसूली संभव।
4. ग्रिड पर निर्भरता में कमी।
5. पर्यावरण संरक्षण और क्लीन एनर्जी में योगदान।
नीति और लक्ष्य
एमडी बैंस ने बताया कि मप्र अक्षय ऊर्जा नीति 2025 के तहत:
1. 2030 तक राज्य की कुल बिजली खपत में 50% हिस्सा अक्षय ऊर्जा स्रोतों से पूरा किया जाएगा।
2. 2030 तक 50,000 से ज्यादा रोजगार पैदा करने का लक्ष्य रखा गया है।
3. हरित ऊर्जा अनुपालन, मॉडल ग्रीन सिटी, सौर शहर, और ग्रामीण क्लीन एनर्जी हब जैसे कई चरणबद्ध विकास लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं।
चल रहे ये अभियान
MPUVNL और Council on Energy, Environment and Water (CEEW) द्वारा मिलकर संभागीय स्तर पर जागरूकता कार्यशालाएं आयोजित की जा रही हैं। साथ ही, सोलर जागरूकता वैन अभियान के जरिए 110 से अधिक दिनों में राज्य के कई जिलों को कवर किया गया है। इसके अलावा, जुलाई और अगस्त 2025 में और भी जागरूकता सत्र आयोजित किए जाएंगे। यह योजना न केवल प्रदेश को ऊर्जा आत्मनिर्भर बना रही है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण, सामाजिक सहभागिता और नवीन रोजगार अवसरों को भी जन्म दे रही है।
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