State News (राज्य कृषि समाचार)

पशु चिकित्सा व्यवसाय में विविधता, समानता और समावेशिता को बढ़ावा देना

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  • डॉ. उमा कुमरे (परते)
    अतिरिक्त उपसंचालक संचालनालय पशु पालन विभाग,
    भोपाल

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4 मई 2023, पशु चिकित्सा व्यवसाय में विविधता, समानता और समावेशिता को बढ़ावा देना – विश्व पशु चिकित्सा दिवस की बहुत-बहुत शुभकामनाएं जैसा कि वर्ष 2023 का थीम है पशु चिकित्सा व्यवसाय में विविधता समानता और समावेशिता को बढ़ावा देना तो हमारा पशुपालन और पशु चिकित्सा विज्ञान अपने आप में विविधता समानता समावेशिता को लिए हुए हैं. हम चूहे बिल्ली से लेकर शेर हाथी तक का इलाज करते हैं. हमारे पशु चिकित्सालय में हर रोज तरह-तरह के पशु जिसमें बकरी , मि_ू , बंदर , हिरण भी होते हैं और उतने ही तरह के अलग-अलग सामाजिक वर्गों समुदायों और अलग-अलग आयु वर्ग के पशुपालकों के संपर्क में हमारे पशु चिकित्सक रहते हैं. समाज का हर तबका हर समुदाय स्त्री, पुरुष, बच्चे, बुजुर्ग सभी किसी न किसी रूप में अपने पशुओं के स्नेह के कारण हम पशु चिकित्सकों से जुड़े ही होते हैं.

सबसे ज्यादा विविधता पूर्ण कार्य है पशु चिकित्सा. भारत के हर घर में सबसे पहले दरवाजा खटखटाने वाला व्यक्ति होता है दूध वाला जो  आपको सबसे पहले जगाता है. भारत का हर व्यक्ति कहीं ना कहीं पशु और पशु उत्पादों से उनके बाजार मूल्यों से दूध, दही, घी, अंडे से और उसके बाजार भाव से प्रभावित प्रभावित होता है.  हमारा कोई भी समाज हो उसका त्यौहार बिना दूध, दही, घी, पनीर, खोवा के संभव नहीं इसलिए हम सभी पशु चिकित्सकों का दायित्व हमारी जिम्मेदारी समाज के हर वर्ग के लिए है.  दूध और अंडे प्रोटीन का बेहतरीन विकल्प है जो कुपोषित बच्चों गर्भवती माताओं बहनों और बुजुर्गों के लिए आसानी से हर बाजार में उपलब्ध है जो कुपोषण माल न्यूट्रीशन से नवजात शिशुओं को बढ़ते बच्चे बालक बालिकाओं के लिए प्राथमिक आहार है.

दिन प्रतिदिन लाइवस्टाक  सेक्टर का भारतीय अर्थव्यवस्था में प्रतिशत बढ़ा है. ग्रामीण अर्थव्यवस्था विशेषकर भूमिहीन और कम रखने वाले पशुपालकों के लिए पशुपालन आज भी एक चुनिंदा व्यवसाय है. वर्ष 2014 से लेकर आज तक पशुपालन का कंपाउंड एनुअल ग्रोथ रेट सीएजीआर 7.93 प्रतिशत है जबकि यह कृषि क्षेत्र में 4.94 प्रतिशत का योगदान कर रहा है. मुर्गी पालन, बकरी पालन, शुगर पालन, डेयरी, उद्यमिता, चारा विकास, गोबर, गोमूत्र, पंचगव्य उत्पाद इत्यादि एक बड़ा और विविधता पूर्ण उद्यमिता का चित्र उपलब्ध कराता है जो समाज के हर तबके को उसके आयु और आय वर्ग के हिसाब से लघु उद्योग इकाई से लेकर बड़े औद्योगिक इकाई जिसमें 50 लाख तक का अनुदान की सुविधा उपलब्ध कराता है. जैसा कि हम राष्ट्रीय पशुधन मिशन में करते आ रहे हैं. आज पूरे देश में पशुपालन उद्यमिता तेजी से बढ़ता हुआ व्यवसाय है और लगभग 10 करोड़ पशुपालकों को किसान के रोजगार का साधन है इसलिए भारत सरकार और कृषि मंत्रालय ने भी वित्तीय वर्ष 2021 में 9800 करोड़ और अगले 5 वर्षों में कुल 54618 करोड़ का प्रावधान उद्यमिता हेतु किया है . पशुपालन हर वर्ग को कच्चे उत्पाद जैसे दूध, अंडा, मांस से लेकर प्रोसेस्ड फूड और डिब्बाबंद उत्पाद जैसे कि घी, पनीर, दूध पाउडर सुविधा प्रदान करता है हर आयु वर्ग के हिसाब से महिलाओं के लिए भी बकरी पालन मुर्गी पालन जैसी सुविधा और समानता का अवसर प्रदान करता है कम लागत से लेकर करोड़ों की इनकी सुविधा देता है और इतनी सुविधाएं पशुपालन में आने वाले वर्षों में राष्ट्रीय गोकुल मिशन और राष्ट्रीय पशुधन मिशन जैसे दूरगामी प्रोजेक्ट्स पशुपालन को निश्चित ही नवीन आयाम देने में सफल होंगे, हम सब क्रियान्वित करेंगे और हमें गर्व है कि हम सब इस सुखद परिवर्तन को देख सकेंगे.

भारत देश आज पूरे विश्व में सर्वाधिक दूध का उत्पादन कर रहा है. हमारे देश का दूध उत्पादन पिछले वर्षों में 5.29 प्रतिशत बढ़ा है और कुल उत्पादन के हिसाब से प्रति व्यक्ति दूध की उपलब्धता 444 ग्राम प्रतिदिन है जो कि दुनिया के औसत से लगभग 100 ग्राम अधिक है और इसी तरह अति अद्भुत और गौरवान्वित करने वाले नोबल प्रोफेशन में इतनी ही प्रगति करेंगे पिछले पिछले दशकों में पशु चिकित्सा और पशुपालन के क्षेत्र में लगातार आमूलचूल परिवर्तन हो गए हैं जिसमें भारत सरकार द्वारा क्रियान्वित एनएडीसीपी नेशनल एनिमल डिजीज कंट्रोल प्रोग्राम जिसमें पूरे देश में व्रत रूप से खुरपका मुंहपका के नि:शुल्क टीकाकरण किए गए या इनाफ इंफॉर्मेशन नेटवर्क फॉर एनिमल प्रोडक्टिविटी एंड हेल्थ जिसके अंतर्गत समस्त दुधारू पशुओं को पहचान या आधार नंबर की तरह पहचान प्रदान की गई देशव्यापी अभियान ने मैदानी स्तर पर और उनके महत्व को बढ़ाया है और रोजगार के लिए युवाओं को प्रेरित किया है अब नवीन वैज्ञानिक विधियों के द्वारा विधियों के द्वारा जमीनी स्तर पर ह्यद्ग3 ह्यशह्म्ह्लद्गस्र ह्यद्गद्वद्गठ्ठ तकनीक के द्वारा मादा बछड़ों का जन्म शत प्रतिशत किया जाना संभव हो पाया है एंब्रियो ट्रांसफर टेक्नालॉजी जैसी नवीनतम तकनीकों पर कार्य किया जा रहा है पशु चिकित्सकों के प्रयासों कार्यों को समाज और सरकार में भी सराहा जा रहा है और पशु चिकित्सक समाज का अभिन्न वर्ग है जो अपनी पहचान अपने परिश्रम व्यवसायिक और सामाजिक दायित्वों को पूर्ण करते हुए बना रहा है इसका बेहतरीन उदाहरण महेंद्र पाल जो कि एक बैटरी पब्लिक हेल्थ साइंटिस्ट है और राष्ट्रपति जी द्वारा पद्मश्री अवॉर्ड से अलंकृत किए गए हम सभी पशु चिकित्सकों को उन पर गर्व है हमारा पशुपालन और पशु चिकित्सा का क्षेत्र यूं ही नित नए गौरवपूर्ण आयामों को छूता रहे.

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