राजस्थान में फसल कटाई के बाद बारिश से बर्बाद हुई फसल? ऐसे मिलेगा पूरा मुआवजा
22 सितम्बर 2025, जयपुर: राजस्थान में फसल कटाई के बाद बारिश से बर्बाद हुई फसल? ऐसे मिलेगा पूरा मुआवजा – राजस्थान के किसानों के लिए एक बिमा क्लेम से जुड़ा अपडेट आया है। फसल कटाई के बाद खेतों में सुखाने के लिए रखी फसलों में प्राकृतिक कारणों से नुकसान होने पर अब बीमा क्लेम मिल सकता है। यह सुविधा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत उपलब्ध है, लेकिन इसके लिए कुछ शर्तें और समय सीमा का पालन करना जरूरी है।
संयुक्त निदेशक कृषि विस्तार, जिला परिषद, सरदार मल यादव ने बताया कि बेमौसम बारिश, जलभराव, चक्रवाती वर्षा या ओलावृष्टि जैसी प्राकृतिक आपदाओं से फसल खराब होने पर बीमित किसानों को विभागीय दिशा-निर्देशों के अनुसार क्लेम दिया जाता है। उन्होंने कहा, “फसल खराबा यदि फसल कटाई के 14 दिन के अंदर होता है तो उसका बीमा क्लेम व्यक्तिगत आधार पर देय होगा।”
क्लेम प्रक्रिया और समय सीमा
क्लेम के लिए किसानों को नुकसान की जानकारी 72 घंटे के अंदर देनी होगी। यह सूचना भारत सरकार के कृषि रक्षक पोर्टल या हेल्पलाइन नंबर 14447 पर दी जा सकती है। इसके अलावा लिखित रूप में बैंक, कृषि विभाग के अधिकारियों या जिला पदाधिकारियों को भी सूचित किया जा सकता है। प्रभावित किसान नजदीकी कृषि कार्यालय या संबंधित बैंक में हानि प्रपत्र भरकर भी सूचना दे सकते हैं।
सूचना मिलने के बाद बीमा कंपनी कृषि विभाग के सहयोग से किसान की फसल का व्यक्तिगत सर्वे करेगी और नियमों के अनुसार क्लेम प्रदान किया जाएगा। यादव ने कृषि विभाग के फील्ड स्टाफ और बीमा कंपनी को प्राप्त रिपोर्टों का तत्काल सर्वे करने के निर्देश दिए हैं।
खरीफ मौसम 2025-26 के लिए जिले में बाजरा और तिल की फसलें बीमित श्रेणी में शामिल की गई हैं। जिन किसानों ने बैंकों से किसान क्रेडिट कार्ड लिया है और उनका खाता नियमित है, उनका बीमा बैंक द्वारा स्वतः कर दिया जाता है। बाजरा के लिए प्रीमियम राशि 1072.74 रुपये प्रति हेक्टेयर और तिल के लिए 922.96 रुपये प्रति हेक्टेयर तय की गई है। बाजरा की बीमित राशि 53637 रुपये प्रति हेक्टेयर और तिल की 46148 रुपये प्रति हेक्टेयर है।
किसानों को सलाह दी गई है कि वे समय पर सूचना देकर क्लेम प्रक्रिया शुरू करें, ताकि सर्वे और मुआवजे में देरी न हो। अधिक जानकारी के लिए स्थानीय कृषि कार्यालय या बैंक से संपर्क किया जा सकता है।
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