राज्य कृषि समाचार (State News)

बांसों के जंगल में फोटोशूट बना अतिरिक्‍त कमाई का ज़रिया

30 जनवरी 2023, इंदौर:(विशेष प्रतिनिधि): बांसों के जंगल में फोटोशूट बना अतिरिक्‍त कमाई का ज़रिया – किसी भी कार्य को यदि नए विचारों के साथ किया जाए तो उसके बेहतर परिणाम मिलते हैं और आमदनी भी बढ़ती है। ऐसा ही एक नवाचार नीमच जिले के मनासा विकास खंड के ग्राम भाटखेड़ी के युवा , उच्च शिक्षित और प्रगतिशील कृषक श्री कमलाशंकर  विश्वकर्मा नेकिया। इन्होंने  राष्ट्रीय बांस मिशन के तहत अपने खेत में दो एकड़ में  1100 पौधे बांस के लगाए थे, जो कि अभी दो वर्ष के हो चुके है। बांस की कटाई तीसरे साल से शुरू होगी। लेकिन इन्होंने पहले साल में अंतरवर्तीय फसल के रूप में शतावरी और अश्वगंधा लगाकर अच्छा मुनाफा कमाया और अब दूसरे साल में बांसों के जंगल में सशुल्क  फोटो शूट से अतिरिक्त आय अर्जित कर रहे हैं।

बांसों के जंगल में फोटोशूट बना अतिरिक्‍त कमाई का ज़रिया

श्री कमलाशंकर विश्वकर्मा ने कृषक जगत को बताया कि नवाचार करते हुए  वर्ष 2020-21  में राष्ट्रीय बांस मिशन के तहत  इस योजना का लाभ लिया और बांस की खेती प्रारम्भ  की। दो  साल पहले दो एकड़ में  1100 पौधे बांस के लगाए थे। इस कार्य में कृषि, उद्यानिकी के अधिकारियों  के अलावा आत्मा के उप संचालक डॉ यतिन मेहता का भी मार्गदर्शन मिला। फ़ूड फारेस्ट की नई विचारधारा के साथ इसे विकसित किया।  इस योजना से पहले खेत में बाढ़ का पानी घुस जाने से फसल का नुकसान हो जाता था और मिट्टी का कटाव भी बहुत होता था। लेकिन अब बांस के पौधे लगने से मिट्टी का कटाव रोकने में बड़ी मदद मिली है। पहले साल अंतरवर्तीय फसल के रूप में औषधीय फसल अश्वगंधा और शतावरी लगाई और अच्छा मुनाफा कमाया। अब दूसरे साल में बांसों के इस जंगल में  सामान्य प्रवेश के 20 रुपए और फोटो शूट करने वालों से 1100 रुपए शुल्क लेकर अतिरिक्त कमाई कर रहे हैं। श्री विश्कर्मा ने कहा कि सप्ताह में 3 -4  प्री वेडिंग शूटिंग हो जाती है। दो गानों के एल्बम की शूटिंग भी यहाँ हो चुकी है। वन पर्यटन के लिए एक सप्ताह में 50 -100 लोग  यहाँ आ जाते हैं। बिना अनुमति प्रवेश निषेध है।  उल्लंघन करने पर दंड शुल्क के साथ प्राथमिकी दर्ज़ कराने की चेतावनी भी दी गई है।  तीसरे साल में इन बांसों की कटाई शुरू होने के बाद इससे  बांस फर्नीचर और हैंडीक्राफ्ट उद्योग स्थापित करने की भी योजना बना ली गई है। जिससे 15 -20  लोगों को रोज़गार उपलब्ध होगा। फ़िलहाल तो बांसों के जंगल में फोटोशूट का यह नवाचार इन्हें अतिरिक्त कमाई दे रहा है।

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उल्लेखनीय है कि श्री विश्वकर्मा द्वारा अपने खेत पर लगभग 30 से 40 प्रकार की औषधियों को भी प्राकृतिक रूप से संरक्षित करने का कार्य किया गया है। राष्ट्रीय नारी सशक्तिकरण संघ के माध्यम से केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय , दिल्ली में करीब एक दशक तक लोक स्वास्थ्य के क्षेत्र में सलाहकार की सेवाएं दे चुके श्री विश्वकर्मा ने राष्ट्रीय कार्यक्रमों / योजनाओं की निगरानी और क्रियान्वयन में सहयोग कर मध्यप्रदेश को लाभान्वित किया गया था । इनके द्वारा सामाजिक और कृषि क्षेत्र में किए जा रहे उत्कृष्ट कार्यों के लिए इन्हें चार माह पूर्व भोपाल में आयोजित एक कार्यक्रम में लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड के रूप में ” प्रदेश गौरव रत्न ‘ सम्मान मध्यप्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री श्री प्रभुराम चौधरी द्वारा प्रदान किया गया था।

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