राज्य कृषि समाचार (State News)किसानों की सफलता की कहानी (Farmer Success Story)

संतरा और मोसंबी की फसल ने बनाया लखपति

05 दिसंबर 2024, (उमेश खोड़े, पांढुर्ना): संतरा और मोसंबी की फसल ने बनाया लखपति – अल्प शिक्षित व्यक्ति भी अपनी मेहनत के बल पर लखपति बन सकता है , यह सिद्ध किया है पांढुर्ना जिले के ग्राम हिवरा खंडेरवार के 50 वर्षीय उन्नत कृषक श्री योमदेव उर्फ राजकुमार कालबांडे ने । पिता का  निधन होने से 12 वीं के बाद पढ़ाई छोड़ खेती करना  पड़ी। उद्यानिकी फसलों में रुझान होने से संतरा और मोसम्बी के पौधे लगाए ,जो अब बड़े होकर उत्पादन दे रहे हैं , जिससे प्रति वर्ष लाखों की आय हो रही है।

श्री  योमदेव ने कृषक जगत को बताया कि 1991 में पिता श्री भुजंगराव कालबांडे के निधन के बाद पढ़ाई छोड़ खेती करना पड़ा।  फिलहाल छोटे भाई रोमदेव उर्फ विक्की के साथ  मिलकर उद्यानिकी फसलों की खेती कर रहे हैं। 65  एकड़ ज़मीन में से 14 एकड़ में लगाए संतरे के पौधे 18 वर्ष के हो गए हैं। 4 वर्ष वाले एक हज़ार संतरे के पौधे हैं। 3 -4  साल के अन्य पौधे भी हैं। 3 साल के एक हज़ार मौसम्बी के पौधे लगाए थे। इसकी 15 टन मोसम्बी  4  लाख 22 हज़ार 500 में बेची । संतरा / मोसम्बी  के विभिन्न आयु वर्ग के कुल 7900  पौधे हैं। यह फसलें देरी से आती हैं , लेकिन उत्पादन शुरू होने के बाद अच्छी आय होने लगती है। क्षेत्र में पपीता का पहला प्लाट 20 साल पहले लगाया था और उत्पादन भी अच्छा मिला था , लेकिन फिर वायरस लगने से इस फसल को लेना बंद कर दिया।

Advertisement
Advertisement

श्री कालबांडे ने बताया कि संतरे का फल मीठा होने से बेचने की दिक्कत नहीं है। उत्पादन को एकमुश्त बहार के रूप में या कैरेट से टन के हिसाब से बेचा जाता है। इस वर्ष संतरे का 100  टन उत्पादन होने का अनुमान है। इस साल 18 वर्ष  के संतरे के 500 पौधों की बहार को 20 लाख में एक मुश्त बेच दिया। लागत करीब 5 लाख आई। खरीदार ही तुड़ाई करवाते हैं और स्थानीय अथवा सौंसर मंडी में बेचते हैं।  संतरा फसल पर मौसम और जलवायु का बहुत असर पड़ता है। गत वर्ष मौसम खराब होने से प्रभावित हुई  संतरे की फसल के मात्र 6  लाख मिले , जबकि वर्ष 2022 -23 में 21 लाख 61 हज़ार का संतरा बेचा था। संतरा /मोसम्बी फसल के लिए उद्यानिकी विभाग के अलावा सेन्ट्रल साइट्रस रिसर्च इंस्टीट्यूट(सीसीआरआई ), नागपुर से सलाह लेते हैं। उन्नत तकनीक से उद्यानिकी खेती करने पर उन्हें  ‘उत्कृष्ट संतरा उत्पादक किसान ‘से सम्मानित किया गया है।

(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़,  टेलीग्रामव्हाट्सएप्प)

(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)

कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

Advertisement8
Advertisement

www.krishakjagat.org/kj_epaper/

Advertisement8
Advertisement

कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

www.en.krishakjagat.org

Advertisements
Advertisement5
Advertisement