एक बार फिर किसानों के लिए ढाल बनने जा रही है मोहन यादव सरकार
29 सितम्बर 2025, उज्जैन: एक बार फिर किसानों के लिए ढाल बनने जा रही है मोहन यादव सरकार – सरकार की पहली प्राथमिकता खेती-किसानी है। सरकार की हमेशा कोशिश रहती है कि प्रदेश में किसानों को किसी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े। इस कड़ी में एक बार फिर सरकार किसानों के लिए ढाल बनने जा रही है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि किसानों का कल्याण मध्य प्रदेश सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
सोयाबीन उत्पादक किसानों को किसी भी हालत में घाटा नहीं होने देंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार किसानों को सोयाबीन का उचित मूल्य दिलवाने के लिए प्रतिबद्ध है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोयाबीन के लिए एमएसपी प्रति क्विंटल 5328 रुपये घोषित की है। किसान संघों के सुझाव पर राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि इस वर्ष सोयाबीन के किसानों को भावांतर का लाभ दिया जाएगा।
दरअसल, प्रदेश के सोयाबीन उत्पादक किसानों पर इस साल दोहरी मार पड़ रही है। एक तो ज्यादा बारिश के कारण फसलें पिट गईं। वहीं, येलो मोजेक बीमारी के कारण भी प्रदेश में सोयाबीन की फसलों को भारी नुकसान हुआ है।
कृषि मंडियों में सोयाबीन का भाव 4,000 रुपए प्रति क्विंटल के आसपास है। सोयाबीन का भाव कम होने से किसानों की लागत भी नहीं निकल रही है। किसानों के लिए अच्छी खबर यह है कि मंडियों में कम भाव पर बिक रहे सोयाबीन से होने वाले घाटे की भरपाई करने को लेकर मप्र सरकार ने बड़ा निर्णय लिया है। किसान पहले की भांति मंडियों में सोयाबीन का विक्रय करेगा। अगर एमएसपी से कम कीमत पर सोयाबीन बिकता है तो किसानों के घाटे की भरपाई भावांतर योजना के तहत सरकार द्वारा की जाएगी। फसल के विक्रय मूल्यों और न्यूनतम समर्थन मूल्य एमएसपी के अंतर की राशि सीधे सरकार देगी। उन्होंने कहा कि भावांतर योजना में किसानों के पंजीयन की प्रक्रिया शीघ्र प्रारंभ की जा रही है। यदि मंडी में औसत गुणवत्ता की कृषि उपज का विक्रय मूल्य न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम हो, लेकिन राज्य सरकार द्वारा घोषित औसत मॉडल भाव से अधिक हो तो किसान को केवल न्यूनतम समर्थन मूल्य और वास्तविक विक्रय मूल्य के अंतर की क्षतिपूर्ति दी जाएगी। यदि मंडी में कृषि उपज का विक्रय मूल्य राज्य सरकार द्वारा घोषित औसत मॉडल भाव से भी कम हो तो किसान को न्यूनतम समर्थन मूल्य और घोषित औसत मॉडल भाव के अंतर की क्षतिपूर्ति दी जाएगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि पूर्व में भी फसलों की क्षति पर किसानों को राहत राशि प्रदान की गई है। किसान हितैषी निर्णय पहले भी लिए गए हैं। बाढ़ से प्रभावित किसानों को भी सहायता दी गई। संकट की घड़ी में किसानों के साथ सरकार सदैव खड़ी है। पीले मोजेक से हुए नुकसान के लिए भी सर्वे करवाया जा रहा है। किसानों को प्रभावित फसलों के लिये आवश्यक राहत प्रदान की जाएगी।
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