निमाड़ फ्रेश के किसानों का रसायन मुक्त खेती की ओर मजबूत कदम
02 नवंबर 2025, (दिलीप दसौंधी, मंडलेश्वर कृषक जगत): निमाड़ फ्रेश के किसानों का रसायन मुक्त खेती की ओर मजबूत कदम – प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी से हाल ही में मुलाकात ने निमाड़ के किसानों के हौसले को नई उड़ान दी है। राजधानी दिल्ली के पूसा कृषि विज्ञान परिसर में गत दिनों आयोजित विशेष कार्यक्रम में निमाड़फ्रेश एफपीओ का प्रतिनिधित्व करते हुए डायरेक्टर श्री बालकृष्ण पाटीदार एवं सीईओ श्री हरिओम भूरे ने किसानों का प्रतिनिधित्व करते हुए प्रधानमंत्री को निमाड़ क्षेत्र के कार्यों से अवगत कराया। प्रधानमंत्री ने किसानों की मेहनत और एफपीओ की उपलब्धियों की सराहना करते हुए इसे ग्रामीण भारत की नई ताक़त बताया।
बता दें कि निमाड़फ्रेश एफपीओ , 750 शेयरधारक और 3000 से अधिक सक्रिय किसानों के साथ रसायन मुक्त खेती को अपनाकर मिट्टी और स्वास्थ्य दोनों की सुरक्षा में जुटा है । अब संगठन का लक्ष्य है कि आने वाले कुछ वर्षों में 10 हज़ार किसानों को इस अभियान से जोड़ा जाए। एफपीओ वर्षा जल संरक्षण और जैविक खाद के उपयोग को भी बढ़ावा दे रहा है।
छोटे किसानों को मिली बड़ी राहत , अब मंडी नहीं, सीधी खरीद घर से – निमाड़ फ्रेश ने किसानों के हित में ऐतिहासिक पहल करते हुए काबुली चना, गेहूं और सोयाबीन की सीधी खरीद गांव-गांव से शुरू की है। किसानों को न केवल मंडी से अधिक भाव मिल रहा है, बल्कि ट्रांसपोर्ट, तुलावटी और हम्माली के खर्चे से भी पूरी तरह राहत मिली है। खेत से सीधे बिक्री की सुविधा ने किसानों का समय, खर्च और मेहनत — तीनों बचाए हैं। एफपीओ किसानों के साथ बीज उत्पादन कार्यक्रम भी चला रहा है, जिसमें किसानों को उचित दाम और तकनीकी सहायता मिल रही है। इसके अलावा संगठन ने अपने सभी किसान सदस्यों का एक्सीडेंटल बीमा भी कराया है, जिसका प्रीमियम एफपीओ स्वयं देता है, ताकि किसान भाइयो को थोड़ा सहयोग किया जा सके।
‘बीज से बाजार तक’ किसानों की आय बढ़ाने की नई सोच – निमाड़ फ्रेश ने मूल्य संवर्धन के क्षेत्र में भी कदम बढ़ाए हैं। एफपीओ ने पहली बार काबुली चना एवं मिर्च का निर्यात यूरोप एवं दुबई में किया। वैल्यू एडिशन द्वारा तैयार उत्पादों के माध्यम से प्रथम वर्ष में ₹73 लाख का टर्नओवर प्राप्त किया। 2024-25 में काबुली चना ग्रेडिंग एवं क्लीनिंग यूनिट की शुरुआत हुई। नाबार्ड और एसबीआई के सहयोग से एफपीओ ने वर्ष 2024-25 में ₹12 करोड़ का टर्नओवर हासिल किया है। अब संगठन किसानों को अंतरराष्ट्रीय बाजारों से जोड़ने पर काम कर रहा है, ताकि ग्रामीण भारत के उत्पाद सीधे वैश्विक मंच पर पहुँच सकें।
स्वस्थ मिट्टी, स्वस्थ भारत , यही है नया संकल्प – प्रधानमंत्री से मुलाकात के बाद निमाड़फ्रेश टीम और किसानों का आत्मविश्वास दोगुना हुआ है। एफपीओ अब यह सुनिश्चित करने की दिशा में काम कर रहा है कि आने वाले वर्षों में निमाड़ क्षेत्र को पूरी तरह रसायन मुक्त खेती का मॉडल बनाया जाए। किसानों के साथ, खेत से विश्व बाजार तक निमाड़फ्रेश प्रयत्नशील है।
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