State News (राज्य कृषि समाचार)

नवनियुक्त कृषि विस्तार अधिकारियों ने समझी पुनर्योजी कृषि  

Share

29 दिसम्बर 2023, भोपाल: नवनियुक्त कृषि विस्तार अधिकारियों ने समझी पुनर्योजी कृषि  – कृषि विभाग के राज्य कृषि विस्तार एवं प्रशिक्षण केन्द्र, बरखेड़ी कलाँ भोपाल में ट्रेनिंग कर रहे विभाग के 62 नवनियुक्त कृषि विस्तार अधिकारियों ने सीहोर जिले के बरखेड़ा खरेट ग्राम स्थित एनआरसीई पुनर्योजी कृषि केंद्र का भ्रमण कर खेत पाठशाला में प्रायोगिक प्रशिक्षण प्राप्त किया। इन्हें विभागीय अधिकारियों एवं विशेषज्ञों के साथ सॉलीडेरीडॉड संस्था के कृषि वैज्ञानिकों द्वारा विभिन्न विषयों का प्रशिक्षण दिया गया। संचालक राज्य कृषि विस्तार एवं प्रशिक्षण केन्द्र (सीएट) श्री के.पी. अहरवाल की विशेष उपस्थिति में प्रशिक्षणार्थियों को केंद्र में निर्मित पोषण वाटिका, गेबियन संरचना, गेहूं, अरहर, मटर, मसूर एवं फल तथा सब्जियों के फसल प्रदर्शन प्लॉट के माध्यम से पुनर्योजी कृषि से संबधित जानकारी दी गई। इन फसलों में उपयोग की गई उन्नत तकनीकी के बारे में भी विशेषज्ञों द्वारा जानकारी भी दी गई। विशेषज्ञों में श्रीमती आशालता पाठक भी उपस्थित थीं।

सॉलीडेरीडॉड विशेषज्ञों द्वारा स्मार्ट कृषि की अवधारणा तथा पुनर्योजी खेती के मानक स्तर एवं प्रमाणीकरण पर भी प्रकाश डाला गया। खेत पाठशाला में प्रगतिशील किसानों तथा पुनर्योजी कृषि अपनाने वाले किसानों ने भी अपने अनुभव प्रस्तुत किये। प्रशिक्षार्थियों की जिज्ञासाओं तथा तकनीकी प्रश्नों के उत्तर भी विशेषज्ञों द्वारा दिये गए। स्मार्ट कृषि तथा पुनर्योजी खेती के विशेषज्ञों में सोलीडरीडाड संस्था की ओर से प्रमुख रूप से डॉ. अनिल खरे, श्री रवि जायसवाल, सुश्री मिली घोष, श्री हृदयेश, श्री सुबोध सहस़्त्रबुद्धे भी सम्मिलित हुए।

संचालक श्री के.पी. अहरवाल ने बताया कि सीएट ने सॉलीडेरीडॉड संस्था के साथ मिलकर कृषि अधिकारियों तथा किसानों के प्रशिक्षण हेतु विस्तृत कार्यक्रम संचालित करने का निर्णय लिया है।

सोलीडरीडाड संस्था के महाप्रबंधक डॉ. सुरेश मोटवानी ने बताया कि पुनर्योजी कृषि आज के समय की मांग है। एनआरसीई पुनर्योजी कृषि केंद्र में नव नियुक्त कृषि विस्तार अधिकारियों द्वारा बारीकी से पुनर्योजी कृषि को समझा गया ।

(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)

(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़,  टेलीग्राम)

Share
Advertisements