राज्य कृषि समाचार (State News)

झाबुआ में कृषि एवं कृषि से संबद्ध विभागों की बैठक आयोजित  

16 जुलाई 2025, झाबुआ: झाबुआ में कृषि एवं कृषि से संबद्ध विभागों की बैठक आयोजित – कलेक्टर नेहा मीना की अध्यक्षता में कलेक्टर कार्यालय में गत दिनों कृषि एवं कृषि से संबद्ध विभागों की बैठक आयोजित की गई। बैठक के दौरान कृषि एवं संबद्ध विभागों के जिला अधिकारियों को निर्देशित किया कि विभागों में संचालित योजनाओं के सफल क्रियान्वयन हेतु रणनीति तैयार करे ताकि समय सीमा में लक्ष्यों की पूर्ति की जा सके।

बैठक के दौरान उप संचालक  ने बताया कि कृषि को कृषि विभाग में संचालित  आगामी तीन वर्षों (वर्ष 2025-28 तक) के लिये रा.कृ.वि. योजना अंतर्गत जैविक कपास उत्पादन के लिये जिले को 250 हेक्टेयर एवं रेशे वाले कपास की टिकाऊ एवं संदूषण मुक्त उत्पादन के लिये 750 हेक्टेयर का लक्ष्य प्राप्त हुआ है। जिसके सफल क्रियान्वयन हेतु रणनीति तैयार करने पर विस्तृत चर्चा की गई।

जिले में संचालित राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन योजना के उद्देश्य एवं उसके क्रियान्वयन पर चर्चा करते हुए योजना के मार्गदर्शी निर्देशानुसार जिले की समस्त विकास खंडों के 31 ग्राम पंचायतों का चयन किया जाकर 25 क्लस्टर तैयार किये गये। जिसमें 3125 किसानों का चयन किया गया। जिसका 1250 हेक्टेयर रकबा प्रस्तावित होकर प्रति क्लस्टर 02 म.प्र. आजीविका परियोजना अंतर्गत कार्यरत कृषि सखी के माध्यम से किसानों के यहां योजना का क्रियान्वयन कराया जायेगा। जिस पर कलेक्टर नेहा मीना द्वारा चयनित कृषि सखियों को कृषि विज्ञान केन्द्र में कार्यशाला का आयोजन कर प्रशिक्षित कराया जाने के निर्देश दिये, ताकि योजना का सफल क्रियान्वयन कराया जा सके।

परम्परागत कृषि विकास योजना अंतर्गत जैविक खेती का 500 हैक्टर लक्ष्य विकासखण्ड झाबुआ में सर्विस प्रोवाइडर संस्था क्यूसील के माध्यम से योजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है संस्था के प्रतिनिधि द्वारा अवगत कराया कि अद्यतन स्थिति में 510 किसानों का चयन किया जाकर एम.पी. किसान पोर्टल पर पंजीयन की कार्यवाही से अवगत कराया जिस पर कलेक्टर द्वारा चयनित किसानों का जैविक प्रमाणीकरण के पंजीयन की कार्यवाही तत्काल कराने के निर्देश दिये एवं इसके साथ ही ताकि समय सीमा में लक्ष्यों की पूर्ति की जा सके।

कृषकों को स्वावलम्बी बनाने के लिये कृषि के साथ-साथ अतिरिक्त आय हेतु उद्यानिकी  अंतर्गत  उनके खेतों में हाई वेल्यू फसलों की काश्त कराने हेतु शेडनेट हाउस तथा पॉली हाउस के प्रकरण समस्त जिले के पात्र एवं ईच्छुक किसानों के यहाँ तैयार कराने के निर्देश दिये। साथ ही पशुपालन विभाग को बकरी पालन के छोटे-छोटे प्रकरण तैयार करने एवं दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा दिये जाने के निर्देश दिये गये। विभाग अंर्तगत संचालित नवीन योजनाए जैसे सूरभी चयन श्रंखला, मुख्यमंत्री डेयरी प्लस योजना, डॉ. भीमराव अंबेडकर कामधेनु योजना का जिले में विशेष प्रचार प्रसार कर कृषकों को लाभान्वित कराने के निर्देश दिये।

मत्स्य पालन विभाग को निर्देशित किया गया कि जिले में निर्मित विभिन्न योजनांतर्गत निर्मित जलाशयो, तालाबों, अमृत सरोवर इत्यादि का चिन्हांकन किया जाकर जल संग्रहण उपरांत अवश्यकता अनरूप समूचित मात्रा में मछली बीजारोपण सुनिश्चित किया जाये। आजीविका परियोजना के माध्यम से किसानों को मछलियों के पोषण हेतु ग्रामीण जनो को समूचित जानकारी दी जावे। मछली पालन क्षेत्र अंतर्गत उत्पादन, विपणन, मूल्य संवर्धन इत्यादि गतिविधियों को बढ़ावा दिया जाये।

उप संचालक कृषि द्वारा जिले में अरहर की कम अवधि में पकने वाली किस्म पूसा अरहर-16 का 1250 हैक्ट. क्षेत्र में किसानों के यहाँ काश्त कराई जा रही है। जिस पर कलेक्टर नेहा मीना द्वारा किसानों को कीट प्रकोप नियंत्रण के उपाय बताकर समय पर कीटनाशक दवाओं के उपयोग करने के निर्देश दिये। जिले में जिन किसान भाईयों के यहां देशी गाय है उनके यहाँ प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया जाये। किसानों के मध्य पर्याप्त मात्रा जागरूकता शिविरों का आयोजन कर प्रशिक्षित करने के साथ ही जैविक कपास उत्पादन को बढ़ावा देने के साथ ही टिकाऊ एवं संदूषण मुक्त कपास उत्पादन कराया जाकर किसानों को उनके उत्पाद का विपणन के सुअवसर उपलब्ध कराने हेतु प्रिमियम बाजार/क्रेताओं से जोड़ने हेतु निर्देशित किया गया। फसलों का स्वास्थ्य के प्रति महत्व एवं कम लागत में अधिक लाभ तथा बाजार की अधिक मांग को देखते हुए फसल के रकबे में वृद्धि की जाये। उनके उत्पाद के प्रसंस्करण करने की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश प्रदत्त किये ताकि कृषकों की आय में वृद्धि हो।

कृषि अभियांत्रिकी विभाग  अंतर्गत जिले में स्थापित कस्टम हायरिंग केन्द्रों में उपलब्ध यंत्रों को आम किसानों को किराये पर सुगमता से उपलब्ध कराने के लिये पर्याप्त प्रचार-प्रसार कर लाभान्वित कराने के निर्देश दिये गये। यंत्रों की सुविधा सुलभ कराने के लिये जे फार्म एप सुविधा का भरपूर प्रसार किये जाने की आवश्यकता पर जोर दिया गया। बैठक में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री जितेन्द्र सिंह चौहान, उप संचालक कृषि श्री एन.एस. रावत, सहायक संचालक उद्यानिकी श्री बी.एस. चौहान, कृषि विज्ञान केन्द्र के कृषि वैज्ञानिक डॉ. जगदीश मौर्य, जिला प्रबंधक आजीविका परियोजना कृष्णा रावत एवं कृषि विभाग के  अधीनस्थ अधिकारी उपस्थित  थे ।

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