मध्यप्रदेश में “स्वच्छता ही सेवा अभियान” बना ग्रामीण क्षेत्रों में जन-आंदोलन
01 अक्टूबर 2024, भोपाल: मध्यप्रदेश में “स्वच्छता ही सेवा अभियान” बना ग्रामीण क्षेत्रों में जन-आंदोलन – मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन ने देशभर में स्वच्छता के प्रति जन-जागरूकता बढ़ाई है, और यह अब मध्यप्रदेश में एक जन-आंदोलन का रूप ले चुका है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 70 लाख से अधिक शौचालयों का निर्माण कर ग्रामीण इलाकों को खुले में शौच से मुक्त घोषित किया गया है। स्वच्छता मिशन के दूसरे चरण में, ठोस और तरल अपशिष्ट प्रबंधन पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
महात्मा गांधी की 155वीं जयंती और स्वच्छ भारत मिशन की 10वीं वर्षगांठ के मौके पर राज्य सरकार ने 17 सितंबर से “स्वच्छता ही सेवा” अभियान की शुरुआत की थी, जो 2 अक्टूबर को गांधी जयंती पर संपन्न होगा।
जन-भागीदारी से बढ़ी स्वच्छता की रफ्तार
इस अभियान में राज्यभर के जन-प्रतिनिधि, सरकारी अधिकारी और आम जनता ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने “स्वच्छता साथी-वॉश ऑन व्हील” सेवा का शुभारंभ किया, वहीं पंचायत मंत्री प्रहलाद पटेल ने रीवा में स्वच्छता संवाद में भाग लेकर लोगों को प्रेरित किया। सभी विधायकों और मंत्रियों ने अपने क्षेत्रों में स्वच्छता को लेकर जागरूकता फैलाई।
अभियान के दौरान 40 लाख से अधिक लोगों ने स्वच्छता शपथ ली और चौपालों, रैलियों, श्रमदान, और जागरूकता कार्यक्रमों में हिस्सा लिया। इसके अलावा “एक पेड़ माँ के नाम” जैसे विशेष कार्यक्रमों के ज़रिए पर्यावरण संरक्षण को भी जोड़ा गया।
कचरा ढेरों से बने स्वच्छ स्थल
अभियान के तहत प्रदेशभर में 19 हजार 742 स्थलों को चिन्हित कर स्वच्छ स्थल में तब्दील किया गया, जिसमें 12 लाख से अधिक लोगों ने भाग लिया। खुले में पड़े 10 हजार टन से ज्यादा कचरे का निपटान किया गया, जबकि 333 टन से अधिक प्लास्टिक कचरा जन-भागीदारी से इकट्ठा किया गया।
इस अभियान में सफाई कर्मियों के योगदान को मान्यता देते हुए 42 हजार सफाई मित्रों का स्वास्थ्य परीक्षण कराया गया और उन्हें सुरक्षा उपकरण उपलब्ध कराए गए। 1549 स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन किया गया।
नर्मदा किनारे के गांव बने आदर्श
नर्मदा नदी किनारे बसे 776 गांवों को “ओडीएफ प्लस मॉडल” घोषित किया गया है। इन गांवों में प्लास्टिक मुक्त क्षेत्र बनाने की दिशा में उल्लेखनीय कार्य किया गया है।
2 अक्टूबर को सभी ग्राम सभाओं में स्वच्छता पखवाड़े की उपलब्धियों पर चर्चा होगी और नई स्वच्छता परियोजनाओं का शिलान्यास किया जाएगा।
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