मध्यप्रदेश: रबी फसलों के लिए राजगढ़ कृषि विभाग की खास सलाह, जानें उर्वरक प्रबंधन के टिप्स
28 सितम्बर 2024, भोपाल: मध्यप्रदेश: रबी फसलों के लिए राजगढ़ कृषि विभाग की खास सलाह, जानें उर्वरक प्रबंधन के टिप्स – मध्यप्रदेश के राजगढ़ जिले के कृषि विभाग ने रबी सीजन की प्रमुख फसलों जैसे गेहूं, चना, सरसों और मसूर के लिए उर्वरक प्रबंधन पर आवश्यक सलाह जारी की है। इस वर्ष अब तक जिले में 1223 मिमी. वर्षा हुई है, जो पिछले साल की तुलना में कहीं अधिक है। जल स्रोतों में पर्याप्त पानी होने के कारण, किसानों को फसल उत्पादन में किसी प्रकार की कमी नहीं होगी, बशर्ते उर्वरक प्रबंधन सही तरीके से किया जाए।
अधिकारियों ने किसानों को उर्वरक प्रबंधन के लिए वैज्ञानिकों की अनुशंसाओं का पालन करने का निर्देश दिया है। प्रत्येक फसल के लिए नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटाश की निर्धारित मात्रा का सही उपयोग आवश्यक है।
सरसों के लिए उर्वरक प्रबंधन
सरसों की फसल में प्रति हेक्टेयर 60 किलो नाइट्रोजन, 30 किलो फॉस्फोरस और 20 किलो पोटाश की जरूरत होती है। किसानों को 2.9 बैग (130 किलो) यूरिया, 3.8 बैग (188 किलो) सिंगल सुपर फॉस्फेट और 33 किलो म्यूरेट ऑफ पोटाश डालने की सलाह दी गई है।
गेहूं फसल के लिए उर्वरक सलाह
सिंचित गेहूं की फसल के लिए प्रति हेक्टेयर 120 किलो नाइट्रोजन, 60 किलो फॉस्फोरस और 40 किलो पोटाश की आवश्यकता होती है। किसानों को 5 बैग (35 किलो) यूरिया, 7.5 बैग (375 किलो) सुपर फॉस्फेट और 1.3 बैग (67 किलो) म्यूरेट ऑफ पोटाश उपयोग करने की सलाह दी गई है।
मसूर और चना फसल की सिफारिश
मसूर फसल के लिए प्रति हेक्टेयर 25 किलो नाइट्रोजन और 50 किलो फॉस्फोरस की अनुशंसा की गई है। वहीं चना की सिंचित फसल में 20 किलो नाइट्रोजन और 60 किलो फॉस्फोरस की जरूरत होती है।
गन्ना और अलसी के लिए उर्वरक योजना
गन्ना की फसल के लिए प्रति हेक्टेयर 300 किलो नाइट्रोजन, 80 किलो फॉस्फोरस और 60 किलो पोटाश की आवश्यकता बताई गई है, जबकि अलसी में 80 किलो नाइट्रोजन, 40 किलो फॉस्फोरस और 20 किलो पोटाश आवश्यक है।
कृषि विभाग के अनुसार, उर्वरक प्रबंधन में सही मात्रा का उपयोग करके उत्पादन में वृद्धि की जा सकती है। किसानों को सलाह दी गई है कि वे इस दिशा में वैज्ञानिक विधियों का पालन करें और अनुशंसित मात्रा का सही तरीके से उपयोग करें।
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