राज्य कृषि समाचार (State News)

मध्यप्रदेश: प्राकृतिक खेती से पूरनलाल बने छिंदवाड़ा के ‘केला किंग’, एक साल में कमाए 10 लाख

09 सितम्बर 2024, भोपाल: मध्यप्रदेश: प्राकृतिक खेती से पूरनलाल बने छिंदवाड़ा के ‘केला किंग’, एक साल में कमाए 10 लाख – पुरानी खेती की पद्धतियों को छोड़ अब किसान उन्नत और प्राकृतिक खेती की ओर रुख कर रहे हैं। इसकी सफलता का एक बेहतरीन उदाहरण मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा के किसान पूरनलाल इनवाती हैं, जिन्होंने प्राकृतिक खेती से अपनी तकदीर बदल दी। उन्होंने अपने खेत में टिश्यू कल्चर से तैयार जी-9 किस्म का केला लगाया और मात्र एक एकड़ में 4 लाख रुपये की कमाई कर सबको हैरान कर दिया।

खेती का अनूठा मॉडल: केले से लेकर बहुफसली खेती तक

पूरनलाल, जो पहले एक साधारण किसान थे, आज केले के सफल व्यापारी बन चुके हैं। उनके खेत में न केवल केला, बल्कि बैंगन, टमाटर, मक्का जैसी फसलें भी लहलहा रही हैं। इसके साथ ही उन्होंने अपने खेत में आम, आंवला, काजू, ड्रैगन फ्रूट और संतरा जैसे फलों के पौधे भी लगाए हैं। टपक सिंचाई (ड्रिप इरिगेशन) प्रणाली का उपयोग कर वे कम पानी में बेहतर उपज प्राप्त कर रहे हैं। साथ ही, फसल अवशेषों से खाद तैयार कर मिट्टी की गुणवत्ता को भी सुधार रहे हैं।

Advertisement
Advertisement

छिंदवाड़ा का केला’ बना ब्रांड

पूरनलाल के खेत से निकला केला अब जबलपुर मंडी में “छिंदवाड़ा का केला” नाम से प्रसिद्ध हो गया है। जहां सामान्य केला 15-18 रुपये प्रति किलो बिकता है, वहीं पूरनलाल का प्राकृतिक केला 25 रुपये प्रति किलो में धड़ल्ले से बिक रहा है। उनकी इस सफलता से अन्य किसान भी प्रेरित हो रहे हैं।

कैश क्रॉप और पशुपालन से लाखों की कमाई

प्राकृतिक खेती के साथ-साथ पूरनलाल बकरी पालन, मछली पालन और कड़कनाथ मुर्गा पालन जैसे कैश क्रॉप व्यवसाय भी कर रहे हैं। उनके पास कुल 6 एकड़ कृषि भूमि है, जहां वे समन्वित तरीके से खेती कर सालाना लगभग 10 लाख रुपये की कमाई कर रहे हैं। उनकी यह सफलता अन्य किसानों के लिए प्रेरणा बन चुकी है और अब वे भी उनसे मार्गदर्शन लेकर प्राकृतिक खेती की ओर कदम बढ़ा रहे हैं।

Advertisement8
Advertisement

(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़,  टेलीग्रामव्हाट्सएप्प)

(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)

कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

Advertisement8
Advertisement

www.krishakjagat.org/kj_epaper/

कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

www.en.krishakjagat.org

Advertisements
Advertisement5
Advertisement