राज्य कृषि समाचार (State News)

सोयाबीन के बाद दलहन-तिलहन उत्पादन बढ़ाने की तैयारी में मध्य प्रदेश सरकार

28 दिसंबर 2024, भोपाल: सोयाबीन के बाद दलहन-तिलहन उत्पादन बढ़ाने की तैयारी में मध्य प्रदेश सरकार – मध्य प्रदेश में सोयाबीन उत्पादन और उपार्जन को लेकर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शुक्रवार को समीक्षा बैठक की। बैठक में उन्होंने सोयाबीन के अलावा दलहन और तिलहन फसलों के उत्पादन को बढ़ावा देने और किसानों को उद्यानिकी फसलों की ओर आकर्षित करने के निर्देश दिए।

प्रदेश में सोयाबीन उत्पादन में पिछले कुछ वर्षों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार सोयाबीन उपार्जन को सुचारू रूप से जारी रखेगी और किसानों को अन्य फसलों के लिए भी प्रेरित करेगी। उन्होंने कहा कि दलहन और तिलहन उत्पादन के लिए किसानों के साथ चर्चा कर योजनाएं बनाई जाएंगी।

Advertisement
Advertisement

मुख्यमंत्री निवास में आयोजित इस बैठक में सहकारिता मंत्री विश्वास कैलाश सारंग, किसान-कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री एदल सिंह कंषाना, अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा, अपर मुख्य सचिव एवं कृषि उत्पादन आयुक्त मोहम्मद सुलेमान सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने किसानों की समस्याओं को प्राथमिकता से हल करने पर जोर दिया।

सोयाबीन उपार्जन और भुगतान में तेजी के निर्देश

डॉ. यादव ने निर्देश दिए कि सोयाबीन उपार्जन के बाद किसानों को जल्द से जल्द भुगतान सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि उपार्जन प्रक्रिया में किसानों को किसी प्रकार की कठिनाई न हो और बारदाने की कमी जैसी समस्याओं से बचा जाए। किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए जिला स्तर पर निगरानी समितियां गठित करने के भी निर्देश दिए गए।

Advertisement8
Advertisement

31 दिसंबर तक चलेगा सोयाबीन उपार्जन

बैठक में सचिव, किसान-कल्याण और कृषि विकास ने बताया कि प्रदेश में 25 अक्टूबर से शुरू हुआ सोयाबीन उपार्जन 31 दिसंबर तक चलेगा। अब तक 2 लाख 4 हजार किसान 5 लाख 89 हजार मीट्रिक टन सोयाबीन बेच चुके हैं। अनुमान है कि 31 दिसंबर तक यह आंकड़ा 6.5 लाख मीट्रिक टन तक पहुंच जाएगा।

Advertisement8
Advertisement

संभागवार उपार्जन की स्थिति

  • भोपाल संभाग: 1,80,198.04 मीट्रिक टन
  • उज्जैन संभाग: 1,49,974.54 मीट्रिक टन
  • सागर संभाग: 93,495.33 मीट्रिक टन
  • नर्मदापुरम संभाग: 93,287.44 मीट्रिक टन

प्रदेश में सोयाबीन का समर्थन मूल्य 4,892 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित है। अब तक किसानों को 1,957.1 करोड़ रुपये की उपार्जन राशि का भुगतान किया जा चुका है। भुगतान प्रक्रिया की पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए डिजिटल प्रणाली लागू की गई है।

किसानों को उद्यानिकी और अन्य फसलों की ओर मोड़ने की योजना

मुख्यमंत्री ने कहा कि उद्यानिकी फसलों के उत्पादन में अधिक लाभ है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि किसानों को इन फसलों की ओर आकर्षित करने के लिए विशेष कार्यशालाओं और प्रशिक्षण सत्रों का आयोजन किया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि दलहन और तिलहन फसलों के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए बीज और तकनीकी सहायता प्रदान की जाएगी।

डॉ. यादव ने कहा कि कृषि क्षेत्र में नई दिशा देने के लिए योजनाएं तैयार की जा रही हैं। किसानों के साथ संवाद कर उनकी जरूरतों और समस्याओं को ध्यान में रखते हुए योजनाओं को लागू किया जाएगा। राज्य सरकार का उद्देश्य है कि किसान पारंपरिक फसलों से हटकर लाभकारी और विविध फसलों की ओर कदम बढ़ाएं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सोयाबीन उत्पादन में हुई प्रगति को अन्य फसलों में भी दोहराने की आवश्यकता है। किसानों को अधिक लाभ देने और कृषि क्षेत्र को नई दिशा में ले जाने के लिए योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए तकनीकी नवाचारों का उपयोग करेगी।

(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़,  टेलीग्रामव्हाट्सएप्प)

(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)

कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

Advertisement8
Advertisement

www.krishakjagat.org/kj_epaper/

कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

www.en.krishakjagat.org

Advertisements
Advertisement5
Advertisement