मध्यप्रदेश सरकार ने बढ़ाई धान पंजीयन की डेडलाइन, अब किसान इस दिन तक करा सकेंगे रजिस्ट्रेशन
03 नवंबर 2025, भोपाल: मध्यप्रदेश सरकार ने बढ़ाई धान पंजीयन की डेडलाइन, अब किसान इस दिन तक करा सकेंगे रजिस्ट्रेशन – मध्यप्रदेश सरकार ने किसानों के हित में एक बड़ा फैसला लिया है। राज्य में धान उपार्जन के लिए पंजीयन की अंतिम तिथि को बढ़ा दिया गया है। अब वे किसान, जिन्होंने अभी तक अपनी उपज बेचने के लिए रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है, 6 नवंबर 2025 तक यह प्रक्रिया पूरी कर सकते हैं। यह निर्णय सरकार की उस प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जिसके तहत वह किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाने और उन्हें सरकारी समर्थन मूल्य (MSP) योजना का अधिकतम लाभ सुनिश्चित करने के लिए लगातार प्रयासरत है।
राज्य सरकार का यह कदम विशेष रूप से उन किसानों के लिए राहत भरा है, जो तकनीकी कारणों, मौसम की स्थिति या अन्य समस्याओं के चलते निर्धारित समय पर पंजीयन नहीं करा पाए थे। अब उन्हें अपनी फसल को सरकारी समर्थन मूल्य पर बेचने का पूरा अवसर मिलेगा।
इन 16 जिलों के किसानों को मिला मौका
धान उपार्जन पंजीयन की अवधि में यह विस्तार राज्य के 16 जिलों के किसानों के लिए लागू होगा। इनमें शामिल हैं – डिंडोरी, मंडला, बालाघाट, सतना, छिंदवाड़ा, शहडोल, अनूपपुर, दमोह, सिवनी, मैहर, उमरिया, जबलपुर, सीधी, अलीराजपुर, बैतूल और पन्ना।
इन जिलों के सभी पात्र किसान अब अपने नज़दीकी पंजीयन केंद्रों पर जाकर आवश्यक दस्तावेजों के साथ पंजीयन करा सकते हैं। यह सुविधा किसानों को सरकारी उपार्जन योजना से जुड़ने और अपनी उपज का उचित मूल्य प्राप्त करने का अवसर प्रदान करेगी।
सरकार का लक्ष्य: हर किसान को मिले MSP का लाभ
मध्यप्रदेश सरकार का यह निर्णय ‘कृषि से समृद्धि का संकल्प, किसान कल्याण का प्रण’ अभियान के तहत लिया गया है। इसका मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी पात्र किसान अपनी उपज को बाजार में कम दाम पर बेचने के लिए मजबूर न हो। MSP पर धान बेचने से किसानों की आमदनी बढ़ेगी और उन्हें आर्थिक सुरक्षा मिलेगी।
राज्य सरकार लगातार कृषि अवसंरचना को सुदृढ़ करने, फसल की खरीद-प्रक्रिया को सरल बनाने और किसानों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कदम उठा रही है।
कैसे करें पंजीयन
किसान अपने नज़दीकी पंजीयन केंद्र, ई-उपार्जन पोर्टल या CSC (कॉमन सर्विस सेंटर) के माध्यम से ऑनलाइन पंजीयन करा सकते हैं। इसके लिए आधार कार्ड, भूमि दस्तावेज, बैंक पासबुक और फसल विवरण की आवश्यकता होगी। पंजीयन पूर्ण होने के बाद किसान को एक रसीद दी जाएगी, जिसके आधार पर वह अपनी उपज को निर्धारित उपार्जन केंद्र पर बेच सकेगा।
किसानों को मिलेगी सीधी राहत
धान पंजीयन की डेडलाइन बढ़ने से हजारों किसानों को सीधी राहत मिलेगी। अब वे अपनी फसल को सरकारी दर पर बेचने का मौका नहीं खोएंगे। यह कदम किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने और कृषि क्षेत्र को और अधिक स्थिर बनाने की दिशा में एक सकारात्मक पहल है।
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