राज्य कृषि समाचार (State News)

मध्यप्रदेश: किसानों को जल्द भुगतान और खुले में पड़े धान का सुरक्षित परिवहन सुनिश्चित करें- मुख्यमंत्री डॉ. यादव

28 दिसंबर 2024, भोपाल: मध्यप्रदेश: किसानों को जल्द भुगतान और खुले में पड़े धान का सुरक्षित परिवहन सुनिश्चित करें- मुख्यमंत्री डॉ. यादव –  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शुक्रवार को धान उपार्जन प्रक्रिया की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिया कि किसानों को उपार्जन राशि का भुगतान जल्द से जल्द किया जाए और खुले में पड़े धान को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। बैठक मुख्यमंत्री निवास स्थित समत्व भवन में आयोजित की गई, जिसमें वरिष्ठ अधिकारियों के साथ कृषि, सहकारिता और नागरिक आपूर्ति विभाग के मंत्रियों ने भाग लिया।

प्रदेश में इस वर्ष धान उपार्जन प्रक्रिया के तहत 7.72 लाख किसानों ने पंजीकरण कराया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में अधिक है। अब तक 22.86 लाख मीट्रिक टन धान का उपार्जन हो चुका है। बावजूद इसके, खराब मौसम और खुले में रखे धान को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं।

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खुले में पड़े धान को सुरक्षित करें

मुख्यमंत्री ने कहा कि मौसम की खराबी को देखते हुए खुले में रखे धान को तत्काल तिरपाल से ढंकने और सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करने की प्रक्रिया तेज की जाए। उन्होंने सहकारी समितियों को निर्देश दिया कि वे धान को गोडाउन में भंडारित करने की व्यवस्था करें। उन्होंने यह भी कहा कि किसानों को सलाह दी जाए कि वे खराब मौसम के दौरान धान उपार्जन केंद्रों पर धान लाने से बचें। अगर मौसम लंबे समय तक खराब रहता है, तो सरकार धान खरीदी की अवधि बढ़ाने पर विचार करेगी।

किसानों को भुगतान में तेजी लाने के निर्देश

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि उपार्जन प्रक्रिया को सरल बनाया जाए और किसानों को तीन से चार दिनों के भीतर भुगतान सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि किसानों के भुगतान में किसी भी तरह की देरी को रोका जाए और स्वीकृति पत्रक शीघ्र जारी किए जाएं।

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एफएक्यू मापदंड की सख्ती से पालना

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि भारत सरकार द्वारा निर्धारित एफएक्यू (Fair Average Quality) मापदंड के अनुसार ही धान का उपार्जन किया जाए। इस प्रक्रिया की निगरानी के लिए अन्य विभागों के अमले को भी लगाया जाएगा।

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मिलर्स को धान का शीघ्र उठाव करने के निर्देश

मुख्यमंत्री ने कहा कि धान मिलर्स को निर्देशित किया जाए कि वे उपार्जित धान का जल्द से जल्द उठाव करें। इससे धान मिलिंग प्रक्रिया तेज होगी और भंडारण का दबाव कम होगा। परिवहन प्रक्रिया को सुचारू बनाने के लिए अनुबंधित परिवहनकर्ताओं के अतिरिक्त अन्य वाहनों का अधिग्रहण करने के भी निर्देश दिए गए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि गोदाम स्तरीय उपार्जन केंद्रों पर खुले में रखे धान को सहकारी समितियों के माध्यम से व्यवस्थित तरीके से स्टैकिंग कराई जाए। इससे भंडारण की गुणवत्ता में सुधार होगा और नुकसान से बचा जा सकेगा।

धान खरीदी तिथि में बदलाव

प्रमुख सचिव खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति ने बताया कि धान खरीदी की अंतिम तिथि 20 जनवरी से बढ़ाकर 23 जनवरी कर दी गई है। जिन किसानों के स्लॉट पहले से बुक हैं, उन्हें पुनः स्लॉट बुक करने की आवश्यकता नहीं होगी। इसके अलावा, 30 और 31 दिसंबर तथा 1 जनवरी को धान खरीदी स्थगित रहेगी।

इस वर्ष प्रदेश में 1,393 धान उपार्जन केंद्र स्थापित किए गए हैं। अब तक 3.48 लाख किसानों ने अपना धान बेचा है, और 1,961 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है। प्रदेश में बारदाने की कोई कमी नहीं है, और 674 अनुबंधित मिलर्स द्वारा 3.36 लाख मीट्रिक टन धान का उठाव किया जा चुका है।

किसानों को एसएमएस के माध्यम से सूचित किया जा रहा है कि धान खरीदी स्थगन और नई तिथियों के बारे में जानकारी प्राप्त करें। इससे किसानों को समय पर जानकारी मिलेगी और वे अपनी योजनाएं बेहतर तरीके से बना सकेंगे।

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मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा, “हमारा प्रयास है कि किसानों को समय पर भुगतान मिले और उनका धान सुरक्षित रहे। मौसम को देखते हुए सभी संबंधित विभाग तत्काल कदम उठाएं।”

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