राज्य कृषि समाचार (State News)

मध्यप्रदेश: देवास के सोनकच्छ विकासखंड में जिला स्तरीय टीम ने किया सोयाबीन फसलों का निरीक्षण

26 अगस्त 2024, भोपाल: मध्यप्रदेश: देवास के सोनकच्छ विकासखंड में जिला स्तरीय टीम ने किया सोयाबीन फसलों का निरीक्षण – देवास जिले में गठित एक विशेष टीम ने सोनकच्छ विकासखंड के ग्राम गढ़खजुरिया, रजापुर, जामगोद, ढाबलाखालसा, कचनारिया और खूंटखेड़ा में सोयाबीन फसलों का निरीक्षण किया। इस निरीक्षण दल में प्रभारी उप संचालक कृषि श्री डी.एस. मुझाल्दा, सहायक संचालक कृषि श्री लोकेश गंगराड़े, कृषि विज्ञान केंद्र के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. ए.के. बडाया, कृषि वैज्ञानिक श्री हरिहर प्रजापति और फसल बीमा कंपनी एसबीआई जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड के श्री राहुल मंडलोई शामिल थे।

निरीक्षण के दौरान दल ने किसानों को महत्वपूर्ण सलाह दी, जिसमें खेत में जलभराव की स्थिति में जल निकासी का उचित प्रबंधन करने का सुझाव शामिल था। एन्थ्रेक्नोज़ रोग के लक्षण दिखाई देने पर टेबूकोनाज़ोल 25.9 ईसी (625 मिली/हेक्टेयर) या टेबूकोनाज़ोल 38.39 एससी (625 मिली/हेक्टेयर) या टेबूकोनाज़ोल 10% + सल्फर 65% डब्ल्यूजी (1.25 किलोग्राम/हेक्टेयर) का छिड़काव करने की सलाह दी गई। आवश्यकता अनुसार 15 दिनों के अंतराल पर दूसरा छिड़काव करने की भी सलाह दी गई।

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एरियल ब्लाइट रोग के लक्षण दिखाई देने पर, नियंत्रण के लिए पायरोक्लोस्ट्रोबीन 20% डब्ल्यूजी (375-500 ग्राम/हेक्टेयर) या फ्लुक्सापाय्रोक्साड 167 ग्राम/लीटर + पायरोक्लोस्ट्रोबीन 333 ग्राम/लीटर का छिड़काव करने की सलाह दी गई।

पीला मोजेक रोग, जो सफेद मक्खी के प्रकोप के कारण होता है, उसके प्रबंधन के लिए एसीटामिप्रिड 25% + बायफेंथ्रिन 25% डब्ल्यूजी (250 ग्राम/हेक्टेयर) का छिड़काव करने का सुझाव दिया गया। इसके अलावा, पूर्व मिश्रित कीटनाशक थायोमिथोक्साम + लैम्ब्डा सायहेलोथ्रिन (125 मिली/हेक्टेयर) या बीटा-साइफ्लुथ्रिन + इमिडाक्लोप्रिड (350 मिली/हेक्टेयर) का भी छिड़काव करने की सलाह दी गई।

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सेमीलूपर इल्ली के नियंत्रण के लिए क्लोरांट्रानिलिप्रोल 18.5 एससी (150 मिली/हेक्टेयर), इमामेक्टिन बेंजोएट (425 मिली/हेक्टेयर), ब्रोफ्लानिलाइड 300 ग्राम/लीटर या फ्लूबेंडियामाइड 20 डब्ल्यूजी (250-300 ग्राम/हेक्टेयर) या फ्लूबेंडियामाइड 39.35 एससी (150 मिली/हेक्टेयर) के मान से छिड़काव करने की सलाह दी गई।

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