राज्य कृषि समाचार (State News)

मध्यप्रदेश बना जल संरक्षण में अग्रणी, देश की प्रमुख नदियों का मायका: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

सूरत में ‘जल संचय-जन भागीदारी-जन आंदोलन’ कार्यक्रम में मध्यप्रदेश के प्रयासों को सराहा गया

14 अक्टूबर 2024, भोपाल: मध्यप्रदेश बना जल संरक्षण में अग्रणी, देश की प्रमुख नदियों का मायका: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव – मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने रविवार को गुजरात के सूरत में ‘जल संचय-जन भागीदारी-जन आंदोलन’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश देश की प्रमुख नदियों का मायका है। नर्मदा, ताप्ती, सोन और चंबल जैसी नदियों के उद्गम स्थल होने के कारण मध्यप्रदेश जल संरक्षण और नदियों के महत्व को भली-भांति समझता है। नदियां न केवल राज्य के लिए बल्कि अन्य राज्यों के लिए भी जीवनदायिनी हैं।

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उन्होंने कहा, “यह हमारा सौभाग्य है कि मध्यप्रदेश की नदियां गुजरात, राजस्थान और बिहार जैसे राज्यों को जल उपलब्ध कराती हैं। इन नदियों के जल से देश के कई हिस्सों को समृद्धि मिलती है।” मुख्यमंत्री ने इस मौके पर मध्यप्रदेश द्वारा जल संरक्षण के क्षेत्र में किए जा रहे प्रयासों पर प्रकाश डाला और कहा कि राज्य में दो महत्वपूर्ण नदी जोड़ो परियोजनाओं का क्रियान्वयन शुरू हो गया है, जिससे देश को जल संकट से उबरने में मदद मिलेगी।

मध्यप्रदेश में जल संरक्षण के बड़े प्रयास

मुख्यमंत्री यादव ने बताया कि राज्य में 10 हजार से अधिक पोखर, तालाब, कुएं और बावड़ियों का जीर्णोद्धार किया गया है। इसके साथ ही जल भंडारण क्षमता बढ़ाने के लिए 3,500 गांवों में 13 हजार से अधिक लोगों ने संकल्प लेकर जल संग्रहण का काम किया है।

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राज्य में केन-बेतवा और चंबल-पार्वती-काली सिंध लिंक परियोजनाओं के माध्यम से नदियों को जोड़ने का काम शुरू हो रहा है। यह परियोजनाएं न केवल जल संकट का समाधान करेंगी, बल्कि सिंचाई और पीने के पानी की उपलब्धता भी सुनिश्चित करेंगी।

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केंद्रीय जल शक्ति मंत्री श्री सी.आर. पाटिल ने इस अवसर पर मध्यप्रदेश के जल संरक्षण के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश न केवल जल संचयन में अग्रणी रहा है, बल्कि भूजल पुनर्भरण के क्षेत्र में भी बेहतरीन काम कर रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में जल संरक्षण के क्षेत्र में जो पहल की गई हैं, उनमें मध्यप्रदेश का योगदान महत्वपूर्ण है।

भारतीय संस्कृति में जल का महत्व

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने जल के महत्व को भारतीय संस्कृति से जोड़ते हुए कहा कि महादेव ने गंगा को जटाओं में धारण कर और भगवान श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को उठाकर जल संरक्षण का संदेश दिया था। उन्होंने कहा, “भारतीय संस्कृति में जल को जीवन का प्रतीक माना गया है, और जल संरक्षण के इस अभियान से हम सभी को नई दिशा मिलेगी।”

नर्मदा जल का उपयोग राजस्थान तक

मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नर्मदा जल के सही उपयोग की दिशा में भी कदम उठाए हैं, जिससे राजस्थान को भी नर्मदा नदी का जल उपलब्ध कराया जा सकेगा। उन्होंने कहा, “गुजरात में पानी की समस्या रही है, और नर्मदा जल का सही प्रबंधन करना हम सभी का कर्तव्य है।”

इस कार्यक्रम में गुजरात के मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र भाई पटेल, राजस्थान के मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा और बिहार के उपमुख्यमंत्री श्री सम्राट चौधरी सहित कई वरिष्ठ नेता और अधिकारी उपस्थित थे।

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