हरियाणा में पशुधन बीमा योजना: बड़े पशुओं का ₹100 से ₹300 और छोटे पशुओं का ₹25 में बीमा
08 जनवरी 2025, चंडीगढ़: हरियाणा में पशुधन बीमा योजना: बड़े पशुओं का ₹100 से ₹300 और छोटे पशुओं का ₹25 में बीमा – हरियाणा सरकार ने गौ संरक्षण, पशुधन कल्याण और जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाओं और नीतियों की घोषणा की है। पशुपालन एवं डेयरी मंत्री श्री श्याम सिंह राणा ने पंचकूला में आयोजित गौ सेवा सम्मान समारोह में यह जानकारी दी।
श्री राणा ने कहा कि गाय का महत्व सांस्कृतिक और वैज्ञानिक दोनों दृष्टियों से है। उन्होंने बताया कि हरियाणा में प्रति व्यक्ति, प्रतिदिन 1105 ग्राम दूध उपलब्ध है, जो देश में तीसरे स्थान पर है। यह उपलब्धता राष्ट्रीय औसत 471 ग्राम से कहीं अधिक है।
हरियाणा में गायों के संरक्षण के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाएं लागू की गई हैं। राज्य सरकार ने गौशालाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए पंचकूला के सुखदर्शनपुर में हरियाणा गौवंश अनुसंधान केंद्र स्थापित किया है। यहां गाय के गोबर और मूत्र से जैविक पेंट, हवन सामग्री, गमले, ईंटें, और दीये जैसे उत्पाद बनाए जा रहे हैं।
सरकार ने 2030 तक ब्रूसैला रोग खत्म करने के लिए एक विशेष अभियान शुरू किया है और मुंह खुर व गलघोटू बीमारियों से बचाव के लिए संयुक्त वैक्सीन का उपयोग किया जा रहा है।
बीमा योजनाओं में विशेष प्रावधान
पंडित दीन दयाल उपाध्याय सामूहिक पशुधन बीमा योजना के तहत बड़े पशुओं का बीमा ₹100 से ₹300 और छोटे पशुओं का ₹25 में किया जा रहा है। अनुसूचित जाति के पशुपालकों के लिए यह बीमा मुफ्त उपलब्ध है।
गौशालाओं में वृद्धि और बजट प्रावधान
वर्ष 2014 में हरियाणा में केवल 215 पंजीकृत गौशालाएं थीं, जो अब बढ़कर 683 हो गई हैं। इन गौशालाओं में करीब 4.5 लाख बेसहारा गौवंश का संरक्षण किया जा रहा है। राज्य के 2024-25 के बजट में हरियाणा गौ सेवा आयोग के लिए ₹510 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
जैविक खेती को प्रोत्साहन
श्री राणा ने बताया कि जैविक खेती के लिए गोबर से तैयार वर्मी कम्पोस्ट रासायनिक खाद का बेहतर विकल्प है। यह न केवल मिट्टी की उर्वरता बढ़ाता है, बल्कि पौधों की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी सुधारता है।
हरियाणा गौ-वंश संरक्षण व गौसंवर्धन अधिनियम-2015 के तहत गौ हत्या पर 10 साल की सजा और ₹1 लाख तक के जुर्माने का प्रावधान है।
पशुपालन मंत्री ने गौशाला प्रतिनिधियों से राज्य सरकार के ‘बेसहारा गौवंश मुक्त हरियाणा’ अभियान को सफल बनाने में सहयोग करने का आग्रह किया।
(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़, टेलीग्राम, व्हाट्सएप्प)
(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)
कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:
www.krishakjagat.org/kj_epaper/
कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें: