राज्य कृषि समाचार (State News)

जन जागृति से रोकी जा सकती है आकाशीय बिजली से होने वाली मृत्यु

26 मई 2023, भोपाल: जन जागृति से रोकी जा सकती है आकाशीय बिजली से होने वाली मृत्यु – गुरुवार 25 मई को आपदा प्रबंध संस्थान द्वारा आकाशीय बिजली आपदा प्रबंधन पर विशेष कार्यशाला का आयोजन किया गया। यूनिसेफ के सहयोग से आयोजित इस कार्यशाला के पीछे उद्देश्य था जागरूकता लाना, जिसमें विभिन्न स्वयं सेवी संस्थाओं के अलावा युवाओं ने भी भाग लिया। 

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो के एडिशनल डायरेक्टर जनरल प्रशांत पाठराबे ने कहा कि चाहे बाढ़ हो या आकाशीय बिजली, उसकी जानकारी आम जनता तक पहुंचाने के लिए मजबूत संचार व्यवस्था होना जरूरी है। इसमें मीडिया की एक महत्वपूर्ण भूमिका है। आपदा प्रबंध संस्था के ज्वाइंट डायरेक्टर डॉ जॉर्ज वी जोसेफ ने सभी का स्वागत किया।

सबसे ज्यादा मौतें ग्रामीण क्षेत्रों में

उप संचालक, राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण सौरभ सिंह ने कहा कि आकाशीय बिजली या वज्रपात में नई चुनौतियां ये हैं कि पिछले आठ वर्षों में मध्य प्रदेश में आकाशीय बिजली से होने वाली मृत्यु में इजाफा हो रहा है जो चिंता का विषय है। रिसर्च कहती है की सबसे ज्यादा आकाशीय बिजली से मृत्यु खेतों में काम करने वालों की होती है। इसके अलावा पेड़ के नीचे खड़े होना आदि भी मुख्य कारण हैं। सबसे ज्यादा मृत्यु ग्रामीण क्षेत्रों या सेमी अर्बन जगहों पर देखी जाती है। अगर हम चाहें तो 90 प्रतिशत तक मृत्यु कम हो सकती हैं। इसके लिए हमें सिर्फ एक कोशिश करनी है। हमें गंभीरता से जन जागृति लानी है। दामिनी एप के जरिए भी आकाशीय बिजली का पता लगाया जा सकता है।

बिजली से कैसे बचें 

वी पी सिंह साइंटिस्ट C-आईएमडी ने आकाशीय बिजली पर टेक्निकल प्रेजेंटेशन प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि आकाशीय बिजली की उत्पत्ति कैसे होती है, उसका पता कैसे लगाया जा सकता है और उससे बचने के उपाय क्या हैं। उन्होंने बताया कि सचेत एप के जरिए जिस एरिया में बिजली गिरने की आशंका होगी, उस जगह के लोगों को तुरंत मैसेज जाएगा। इसके अलावा प्रदेश के हर जिले में कृषि विज्ञान केंद्रों में आकाशीय बिजली पर जन जागृति अभियान चलाया जा रहा है। इसके अलावा मेघदूत एप, मौसम एप, उमंग एप, रेन अलार्म एप और दामिनी एप खासतौर पर किसानों के लिए बनाए गए हैं, ताकि उन्हें समय रहते बिजली गिरने की जानकारी उन्हें मिल सके। खासतौर पर दामिनी ऐप से 20 मिनट पहले पता चल जाता है कि बिजली गिरने वाली है। सिंह ने ये भी बताया की यदि कोई घर से बाहर है तो बिजली से बचने के लिए किसी सूखे स्थान पर जाकर उकड़ू होकर बैठना है, एड़ियां जुड़ी होनी चाहिए। हथेलियों से कान बंद करना है। इससे उस व्यक्ति पर बिजली गिरने की आशंका कम हो जाती है। साथ घर के अंदर हैं तो बिजली कड़कने के समय इलेक्ट्रिकल इंस्ट्रूमेंट का इस्तेमाल बिल्कुल ना के बराबर करें।

कार्यशाला में बताया गया कि अगर आसपास कोई आकाशीय बिजली से पीड़ित हुआ है तो उसे कैसे प्राथमिक उपचार देना चाहिए। संचार विशेषज्ञ एवम डिजास्टर रिस्क रिडक्शन फोकल प्वाइंट यूनिसेफ अनिल गुलाटी ने आह्वान किया कि सब मिलकर इस दिशा में  जागरूकता को लेकर काम करें।

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