बीमा योजना के तहत किसानों के नामांकन के लिए किसान आईडी का उपयोग किया जा रहा
11 अगस्त 2025, भोपाल: बीमा योजना के तहत किसानों के नामांकन के लिए किसान आईडी का उपयोग किया जा रहा – केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री रामनाथ ठाकुर ने बताया कि राज्य सरकारों के अनुरोध पर महाराष्ट्र में खरीफ 2025 से प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना और पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना के तहत किसानों के नामांकन के लिए किसान आईडी का उपयोग किया जा रहा है।
इसके अलावा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना एवं पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना के तहत नामांकन के लिए कर्नाटक, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में भी किसान आईडी का उपयोग किया जा रहा है। वर्तमान में, विभिन्न योजनाओं के तहत किसानों के लाभ के लिए डेटा केवल सरकारी एजेंसियों के साथ साझा किया जा रहा है।
केंद्र सरकार द्वारा सितंबर 2024 में डिजिटल कृषि मिशन को मंजूरी दी गई है। इस मिशन में देश में एक सशक्त डिजिटल कृषि इकोसिस्टम बनाने के उद्देश्य से कृषि हेतु एक डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे एग्री स्टैक, कृषि निर्णय सहायता प्रणाली, व्यापक मृदा उर्वरता एवं प्रोफ़ाइल मैप और केंद्र सरकार व राज्य सरकारों द्वारा शुरू की गई अन्य आईटी पहलों के निर्माण की परिकल्पना की गई है।
किसान केंद्रित नवीन डिजिटल समाधानों को बढ़ावा
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री रामनाथ ठाकुर ने राज्य सभा में जानकारी देते हुए बताया कि इससे किसान केंद्रित नवीन डिजिटल समाधानों को बढ़ावा मिलेगा और सभी किसानों को समय पर विश्वसनीय फसल संबंधी जानकारी उपलब्ध होगी। एग्री स्टैक डीपीआई में कृषि क्षेत्र से जुड़ी तीन आधारभूत रजिस्ट्रियां या डेटाबेस बनाये जा रहे हैं। इसमें भू-संदर्भित ग्राम मानचित्र, बोई गई फसल रजिस्ट्री और किसान रजिस्ट्री, जिनका निर्माण और रखरखाव राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा किया जाता है।
डिजिटल फसल सर्वेक्षण
केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री ने बताया कि राज्य किसान रजिस्ट्री में सभी भूमि धारक किसानों को शामिल किया गया है। उन्होंने बताया कि 4 अगस्त 2025 तक कुल 7,04,49,809 किसान आईडी तैयार की जा चुकी हैं। इसके अतिरिक्त, रबी 2024-25 में 492 जिलों में 23.5 करोड़ से अधिक भूखंडों का डिजिटल फसल सर्वेक्षण किया गया है। एग्री स्टैक किसानों के जनसांख्यिकीय विवरण, भू-जोत और बोई गई फसलों पर व्यापक तथा उपयोगी डेटा प्रदान करता है, जिससे किसान को ऋण, बीमा, खरीद आदि जैसे लाभों और सेवाओं तक पहुंचने के लिए डिजिटल रूप से पहचान और प्रमाणीकरण करने में मदद मिलती है।
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