राज्य कृषि समाचार (State News)

रीवा जिले में 364170 हेक्टेयर में होगी खरीफ की बोवनी

09 जुलाई 2024, रीवा: रीवा जिले में 364170 हेक्टेयर में होगी खरीफ की बोवनी – रीवा जिले में किसान खरीफ की फसल के लिए जोर-शोर से तैयारी कर रहे हैं। धान की रोपाई के लिए उसकी नर्सरी तैयार कर ली गई है। किसानों को तेज वर्षा का इंतजार है। खेतों में पर्याप्त पानी आने के बाद धान की रोपाई का कार्य शुरू हो जाएगा।

वर्ष 2024 में जिले में कुल तीन लाख 64 हजार 170 हेक्टेयर क्षेत्र में बोनी का लक्ष्य रखा गया है। इसमें सर्वाधिक दो लाख 66 हजार 210 हेक्टेयर में धान की बोनी होगी। जिले में 3940 हेक्टेयर में ज्वार, 1100 हेक्टेयर में मक्का, 1380 हेक्टेयर में बाजरा की बोनी का लक्ष्य रखा गया है।

Advertisement
Advertisement

इस संबंध में उप संचालक कृषि श्री यूपी बागरी ने बताया कि मिलेट मिशन के तहत श्री अन्न यानी मोटे अनाजों की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। गत वर्ष  कोदो  के क्षेत्र में अच्छी वृद्धि हुई। इस वर्ष 5350 हेक्टेयर में  कोदो  की खेती का अनुमान है। जिले में इस वर्ष 21450 हेक्टेयर में अरहर, 20400 हेक्टेयर में मूंग, 27730 हेक्टेयर में उड़द तथा 15650 हेक्टेयर में तिल की बोनी का लक्ष्य रखा गया है। सोयाबीन में अभी भी किसान रूचि नहीं दिखा रहे हैं। लगभग 960 हेक्टेयर में सोयाबीन की बोनी का अनुमान है।

उप संचालक कृषि ने बताया कि जिले में खरीफ की मुख्य फसल धान है। जिले में एक लाख 75 हजार 500 हेक्टेयर में धान रोपा विधि से लगाई जाएगी। शेष क्षेत्र में परंपरागत पद्धति से धान की खेती होगी। जिले में पर्याप्त वर्षा न होने के कारण अभी धान की बोनी शुरू नहीं हुई है। जिन क्षेत्रों में अच्छी वर्षा हो गई है वहाँ कोदौ, अरहर, उड़द, मक्का, ज्वार आदि की बोनी की जा रही है। अब तक लगभग 18 हजार हेक्टेयर में बोनी हो चुकी है। धान की बोनी शुरू होने पर क्षेत्राच्छादन में तेजी से वृद्धि होगी। जिले में वर्तमान में यूरिया, डीएपी, सिंगल सुपर फास्फेट खादों का पर्याप्त भंडार उपलब्ध है। खाद की रैक जिले को लगातार प्राप्त हो रही  है ।

Advertisement8
Advertisement

(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)

(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़,  टेलीग्रामव्हाट्सएप्प)

कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

Advertisement8
Advertisement

www.krishakjagat.org/kj_epaper/

कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

www.en.krishakjagat.org

Advertisements
Advertisement5
Advertisement