रेशम कीट पालन से ज्योति बाई बनी स्वावलंबी
18 जुलाई 2025, नर्मदापुरम: रेशम कीट पालन से ज्योति बाई बनी स्वावलंबी – ग्राम पलिया पिपरिया की श्रीमती ज्योति बाई ने स्वावलंबन योजना के अंतर्गत एक एकड़ क्षेत्र में मलबरी पौधारोपण कर रेशम कीट पालन से अपनी आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ किया है। वे शासकीय रेशम केन्द्र पलिया पिपरिया में कार्यरत हैं और आदिवासी वर्ग से आती हैं।
श्रीमती ज्योति बाई ने वर्ष 2010-11 में रेशम कीट पालन का कार्य शुरू किया था। पिछले 12 वर्षों से वे नियमित रूप से रेशम कीट पालन कर परिवार की आजीविका में सहायक बनी हुई हैं। रेशम विभाग की ओर से उन्नत तकनीक, तकनीकी मार्गदर्शन एवं उच्च गुणवत्ता के रेशम बीज समय-समय पर प्रदान किए जाते हैं, जिससे उनके उत्पादन की गुणवत्ता और आय में निरंतर वृद्धि हो रही है।
वर्ष 2024-25 में श्रीमती ज्योति बाई ने एक एकड़ क्षेत्र से ककून उत्पादन कर कुल 2,41,378 रुपये की आय अर्जित की। उनका कहना है कि ग्राम में ही रेशम की खेती कर वे परिवार को मजबूत आर्थिक सहारा दे रही हैं। वर्ष 2022-23 से ककून मार्केट के माध्यम से ककून विक्रय कर बेहतर दर प्राप्त करने से उनकी आय में और भी इजाफा हुआ है। रेशम विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इस तरह की सफल कहानियां अन्य ग्रामीण महिलाओं को भी रेशम कीट पालन की ओर प्रेरित कर रही हैं, जिससे स्वावलंबन और स्वरोजगार को बढ़ावा मिल रहा है।
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