कार्यशाला में बताया सोलर पॉवर मिनी कोल्ड रूम की कैसे की जा सकती है स्थापना
30 जुलाई 2025, भोपाल: कार्यशाला में बताया सोलर पॉवर मिनी कोल्ड रूम की कैसे की जा सकती है स्थापना – छत्तीसगढ़ उद्यानिकी एवं प्रक्षेत्र वानिकी विभाग द्वारा फल एवं सब्जियों के भण्डारण हेतु “सोलर पॉवर मिनी कोल्ड रूम” की स्थापना विषय पर तकनीकी कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला लॉयड इन्सुलेशन लिमिटेड के सहयोग से संपन्न हुई। यह कार्यशाला इंद्रावती भवन के सभागार में आयोजित की गई थी। कार्यशाला में राज्य के विभिन्न जिलों से प्रगतिशील किसानों एवं सब्जी विक्रेता संघ के अध्यक्ष एवं सदस्य प्रतिभागी के रूप में शामिल हुए।
कार्यशाला में विशेषज्ञों द्वारा उद्यानिकी आपूर्ति श्रृंखलाओं के लिए टिकाऊ शीतलन समाधान तथा सौर ऊर्जा चलित शीतगृह (कोल्ड स्टोरेज) के प्रावधान एवं सुविधाओं पर विस्तार से जानकारी दी गई। कार्यशाला में कोल्ड स्टोरेज के लाभ भी बताये गए। कार्यशाला में तकनीकी विशेषज्ञों ने बताया कि सौर ऊर्जा से चलित शीत गृहों (सोलर कोल्ड स्टोरेज) में उद्यानिकी कृषकों द्वारा फलों, सब्जियों तथा फूलों के अल्पकालीन भण्डारण करके उसकी सेल्फ लाईफ बढ़ाई जा सकती है। एकीकृत बागवानी विकास मिशन योजना अंतर्गत सोलर पॉवर कोल्ड रूम की इकाई लागत 20 लाख रूपए पर सामान्य क्षेत्र में 35 प्रतिशत (7 लाख रुपए) तथा अधिसूचित क्षेत्र में 50 प्रतिशत (10 लाख रुपए) अनुदान दिए जाने का प्रावधान है। विशेषज्ञों ने फसल कटाई उपरांत नुकसान से बचाव, हानिकारक गैस के उत्सर्जन से बचाव, पर्यावरण से अनुकूलता, कम परिचालन लागत, मुनाफे में वृद्धि, बिजली पर कम निर्भरता आदि के बारे में भी किसानों को जानकारी दी गई। विशेषज्ञों ने बताया कि किसान इन शीतगृहों को मोबाइल से भी संचालित कर सकते हैं। मोबाइल में शीत गृहों के संचालन के अपडेट्स मोबाइल पर कॉल एवं मेसेज द्वारा निरंतर प्राप्त होते रहते हैं। अंत में किसानों के सवालों एवं समस्याओं का निराकरण किया गया एवं उनके सुझाव भी आमंत्रित किए गए।
(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़, टेलीग्राम, व्हाट्सएप्प)
(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)
कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:
www.krishakjagat.org/kj_epaper/
कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें: