राज्य कृषि समाचार (State News)

8 लाख हेक्टेयर में होगी सिंचाई सुविधा

44 हजार करोड़ की केन-बेतवा लिंक परियोजना मंजूर

15 दिसंबर 2021, भोपाल।  8 लाख हेक्टेयर में होगी सिंचाई सुविधा मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न श्री अटल बिहारी वाजपेयी ने बुंदेलखंड क्षेत्र के विकास के लिए केन-बेतवा लिंक परियोजना का जो सपना देखा था, उसे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने साकार किया है। गत दिवस केन्द्रीय केबिनेट ने 44 हजार 605 करोड़ रूपये की लागत वाली केन-बेतवा लिंक परियोजना को मंजूरी दे दी है। यह परियोजना मध्यप्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र में विकास और प्रगति का एक नया सूर्योदय करेगी।

केन नदी मध्यप्रदेश के बुंदेलखण्ड क्षेत्र की एक प्रमुख नदी है, जिसकी कुल लम्बाई 470 कि.मी. है। यह नदी मध्यप्रदेश के कटनी जिले से निकल कर उत्तरप्रदेश में यमुना नदी में मिलती है। केन नदी 292 किमी मध्यप्रदेश में बहती है। आजादी के बाद से मध्यप्रदेश केन नदी के जल का बिल्कुल भी उपयोग नहीं कर पा रहा है। केन-बेतवा लिंक परियोजना में दौधन के पास एक बांध बनाकर केन नदी के जल का रोका जाएगा। दौधन बांध से 221 किमी लम्बी एक लिंक नहर का निर्माण कर केन बेसिन के 1074 एमसीएम अतिशेष जल को बेतवा बेसिन में पहुँचाया जायेगा।

परियोजना के पूर्ण होने पर बुंदेलखण्ड क्षेत्र में 8 लाख 11 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा उपलब्ध होगी, जिससे कृषि उत्पादन बढ़ेगा तथा खुशहाली आएगी। जल संकट से प्रभावित प्रदेश की 41 लाख आबादी को पेयजल की सुविधा प्राप्त होगी। साथ ही क्षेत्र में भू-जल की स्थिति में भी सुधार आएगा। परियोजना से बुंदेलखंड के पन्ना जिले में 70 हजार हे., छतरपुर में 3 लाख 11 हजार 151 हे., दमोह में 20 हजार 101 हे., टीकमगढ़ एवं निवाड़ी में 50 हजार 112 हेक्टेयर, सागर में 90 हजार हे., रायसेन में 6 हजार हे., विदिशा में 20 हजार हे., शिवपुरी में 76 हजार हे. एवं दतिया जिले में 14 हजार हे. क्षेत्र में सिंचाई हो सकेगी।

परियोजना के लाभ
  • बुन्देलखण्ड क्षेत्र में 8 लाख 11 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा उपलब्ध होगी।
  • 41 लाख आबादी को पेयजल की सुविधा प्राप्त होगी।
  • परियोजना से भू-जल स्तर की स्थिति सुधरेगी।
  • परियोजना से प्रदेश के पन्ना, छतरपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी, दमोह, सागर, दतिया, शिवपुरी, विदिशा, रायसेन जिले लाभांवित होंगे।
  • परियोजना से 103 मेगावॉट बिजली का उत्पादन होगा।
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