राज्य कृषि समाचार (State News)

रबी दलहन फसल प्रबंधन पर जानकारी

13 मार्च 2025, भोपाल: रबी दलहन फसल प्रबंधन पर जानकारीभारतीय दलहन अनुसंधान संस्थान क्षेत्रीय केन्द्र बीकानेर द्वारा आयोजित एकदिवसीय एससी एसपी के तहत रबी दलहन फसल प्रबंधन विषयक प्रशिक्षण सत्र कृषि विज्ञान केंद्र, पोकरण पर आयोजित किया गया। केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ दशरथ प्रसाद ने बताया कि विश्व दलहन उत्पादन के करीब 36 फीसदी रकबे के साथ भारत दुनिया का सबसे बड़ा दलहन उत्पादक देश है, मगर अफसोस कि फिर भी हमें दलहनी फसलों को भारी मात्रा में विदेशों से आयात करना पड़ रहा है। 

प्रशिक्षण कार्यक्रम में क्षेत्रीय केन्द्र बीकानेर के डॉ बनवारी लाल ने बताया की जैसलमेर जिले में दलहनी फसलों की उन्नत तकनीक को अपनाकर अधिक पैदावार एवं मुनाफा कमाया जा सकता है I विशेष रूप से उन्नत किस्म का चुनाव, बुवाई का सही समय एवं समन्वित रूप से खाद उर्वरक एवं बीमारियों का प्रबंध करके कम पानी वाली क्षेत्र में भी अधिक उत्पादन लिया जा सकता है I

रबी मौसम में दलहनी फसलों, जैसे चनामसूरऔर मटर, की खेती से किसान अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। उन्नत बीजों का चयन करें और सही समय पर बुवाई करें। मृदा परीक्षण से पोषक तत्वों की कमी को पूरा करें और उचित कृषि प्रबंधन अपनाएं। दलहनी फसलों का खास महत्त्व इन के पोषण मूल्य को ले कर है। प्रसार वैज्ञानिक डॉ राजेश बिश्नोई ने प्रोसेसिंग और वैल्यू एडिशन के बारे में किसानों को जानकारी दी | उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि प्रोसेसिंग और वैल्यू एडिशन के माध्यम से किसान अपनी आय में वृद्धि कर सकते हैं | लघु और सीमांत किसान ग्रुप या फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गेनाइजेशन बनाकर खेती से ज्यादा से ज्यादा लाभ ले सकते हैं | कृषि में आई सी टी के उपयोग पर चर्चा करते हुए बताया कि फसलें जड़ों में गांठों के पाए जाने की वजह से वायुमंडल की 78 फीसदी नाइट्रोजन को खेतों में इकट्ठा करने का काम करती हैं। दूसरी ओर ये शाकाहारी लोगों के लिए प्रोटीन का बड़ा जरीया हैं। केन्द्र के वैज्ञानिक डॉ के जी व्यास, डॉ राम निवास, सुनील शर्मा ने विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम में अवाय, नाचना, थाट, बडली नाथूसर, चाचा, रामदेवरा, जैमला इत्यादि ग्रामो से 60 कृषको ने प्रतिभाग किया । 

(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़,  टेलीग्रामव्हाट्सएप्प)

(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)

कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

www.krishakjagat.org/kj_epaper/

कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

www.en.krishakjagat.org

Advertisements