राज्य कृषि समाचार (State News)

राजस्थान में PM किसान सम्मान की राशि 8000 से 9000 हुई: जाने नई योजनाए?

14 अप्रैल 2025, जयपुर: राजस्थान में PM किसान सम्मान की राशि 8000 से 9000 हुई: जाने नई योजनाए? – राजस्थान सरकार ने किसानों की आय बढ़ाने और कृषि क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा देने के लिए कई नई योजनाओं की घोषणा की है। इन घोषणाओं का मकसद किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत करना और खेती को आधुनिक तकनीकों से जोड़ना है। लेकिन क्या ये योजनाएं वाकई में किसानों की जिंदगी बदल पाएंगी? आइए, इनके प्रमुख बिंदुओं पर नजर डालते हैं।

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत दी जाने वाली 8,000 रुपये की वार्षिक राशि को बढ़ाकर 9,000 रुपये करने का ऐलान किया गया है। इसके अलावा, गेहूं के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर मिलने वाले 125 रुपये प्रति क्विंटल के बोनस को बढ़ाकर 150 रुपये प्रति क्विंटल किया जाएगा। ये कदम छोटे और मझोले किसानों के लिए राहत की खबर हो सकते हैं, लेकिन लागत और महंगाई के दौर में यह कितना असरदार होगा, यह देखना बाकी है।

सिंचाई और तकनीक पर जोर

राज्य सरकार ने सिंचाई सुविधाओं को बेहतर करने के लिए 900 करोड़ रुपये के अनुदान की घोषणा की है। इसके तहत 25,000 फार्म पॉन्ड, 10,000 डिग्गी, 50,000 सौर पंप और 20,000 किलोमीटर सिंचाई पाइपलाइन तैयार की जाएगी। इससे करीब 4 लाख किसानों को फायदा होने की उम्मीद है। साथ ही, 1 लाख हेक्टेयर में माइक्रो इरिगेशन और 3.5 लाख हेक्टेयर में ड्रिप व स्प्रिंकलर सिस्टम के लिए 1,250 करोड़ रुपये का अनुदान दिया जाएगा।

कृषि में नई तकनीक और अनुदान

कृषि को आधुनिक बनाने के लिए कई योजनाएं शुरू की गई हैं। 324 करोड़ रुपये खर्च कर 75,000 किसानों को 30,000 किलोमीटर तारबंदी के लिए अनुदान मिलेगा। राजस्थान कृषि विकास योजना के तहत 1,350 करोड़ रुपये से नई तकनीकों, जैविक खेती और क्षमता विकास पर काम होगा। इसके अलावा, 180 करोड़ रुपये की लागत से 35 लाख बीज मिनी किट मुफ्त बांटे जाएंगे।

मुख्यमंत्री बीज स्वावलंबन योजना के तहत 5.44 लाख किसानों को 63 करोड़ रुपये के 1.13 लाख क्विंटल उच्च गुणवत्ता वाले बीज दिए जाएंगे। मृदा शक्ति संवर्धन योजना में 3 लाख ढैंचा बीज मिनी किट और गोवर्धन जैविक उर्वरक योजना से 50,000 किसानों को लाभ मिलेगा।

किसानों को आधुनिक उपकरणों तक पहुंच देने के लिए 210 करोड़ रुपये से 1,000 कस्टम हायरिंग सेंटर बनाए जाएंगे। 350 करोड़ रुपये के अनुदान से 1 लाख किसानों को ट्रैक्टर और अन्य उपकरण मिलेंगे। इसके साथ ही, कृषि में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के उपयोग के लिए 50 करोड़ रुपये की लागत से एक सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित होगा। मक्का और मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देने के लिए बांसवाड़ा और भरतपुर में भी नए सेंटर खोले जाएंगे।

ग्रीन हाउस, पॉली हाउस और शेडनेट जैसी तकनीकों के लिए 225 करोड़ रुपये का अनुदान देकर 2,000 किसानों को लाभ दिया जाएगा। ड्रोन के जरिए नैनो यूरिया और नैनो डीएपी के छिड़काव के लिए प्रति हेक्टेयर 2,500 रुपये का अनुदान भी मिलेगा।

भूमिहीन श्रमिकों के लिए योजना

किसान उत्पादक संगठनों (FPO) के 100 सदस्यों को इजरायल जैसे देशों में और 5,000 किसानों को राज्य के बाहर प्रशिक्षण के लिए भेजा जाएगा। साथ ही, 50 करोड़ रुपये की लागत से 1 लाख भूमिहीन कृषि श्रमिकों को 5,000 रुपये तक के उपकरण दिए जाएंगे।

हालांकि ये योजनाएं कागज पर प्रभावी दिखती हैं, लेकिन इनका असली प्रभाव तभी दिखेगा जब इन्हें जमीनी स्तर पर ठीक ढंग से लागू किया जाए। किसानों को अक्सर अनुदान और योजनाओं का लाभ समय पर न मिलने की शिकायत रहती है। इसके अलावा, छोटे किसानों तक इन सुविधाओं की पहुंच सुनिश्चित करना भी एक बड़ी चुनौती है।

(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़,  टेलीग्रामव्हाट्सएप्प)

(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)

कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

www.krishakjagat.org/kj_epaper/

कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

www.en.krishakjagat.org

Advertisements