राज्य कृषि समाचार (State News)

मध्यप्रदेश में खाद वितरण में सुधार और कालाबाजारी पर सख्ती: मुख्यमंत्री के बड़े निर्देश

23 नवंबर 2024, भोपाल: मध्यप्रदेश में खाद वितरण में सुधार और कालाबाजारी पर सख्ती: मुख्यमंत्री के बड़े निर्देश – मध्य प्रदेश में खाद वितरण की समस्या ने किसानों में असंतोष बढ़ा दिया है, जिसके कारण मुख्यमंत्री मोहन यादव को स्थिति को नियंत्रित करने के लिए कमान अपने हाथ में लेनी पड़ी है। मुख्यमंत्री यादव ने कमिश्नर-कलेक्टर कॉन्फ्रेंस के माध्यम से अधिकारियों को चेतावनी दी है कि यदि किसानों को उर्वरक प्राप्त करने में कोई समस्या आती है, तो जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इस समस्या के समाधान के लिए मुख्यमंत्री यादव ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे किसानों की समस्याओं का समाधान करने के लिए तुरंत कार्रवाई करें।

मुख्यमंत्री निवास के समत्व भवन से शुक्रवार शाम आयोजित वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान उन्होंने कलेक्टर-कमिश्नर कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया। इस दौरान मुख्य सचिव श्री अनुराग जैन सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि जिलों में किसानों के लिए खाद-बीज का वितरण व्यवस्थित हो, पराली जलाने पर रोक लगे और राजस्व कार्यों का त्वरित निपटारा हो।

धान, ज्वार-बाजरा और सोयाबीन खरीदी में नवाचार अपनाने का सुझाव

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में धान, ज्वार-बाजरा और सोयाबीन खरीदी से संबंधित कार्य व्यवस्थित रूप से सम्पन्न किए जाएं। जिन जिलों से अनियमितताओं की जानकारी प्राप्त होगी, वहां दोषी अधिकारियों को नहीं बख्शा जाएगा। उपार्जन केंद्रों पर आवश्यक सुविधाएं होना चाहिए। खाद, बीज की समय-सीमा में उपलब्धता और व्यवस्थित वितरण को सुनिश्चित किया जाए। प्रदेश में पर्याप्त उर्वरक उपलब्ध होने के बावजूद जिन स्थानों से वितरण की अव्यवस्था संबंधित शिकायतें मिलेंगी, वहां दोषी अधिकारियों के विरूद्ध सख्त कार्यवाही की जाएगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि शाजापुर जिले में एक नवाचार किया गया है, जिसमें टोकन वितरण सीएम हेल्पलाइन 181 की मदद से करते हुए अनावश्यक लाइन नहीं लगी और कार्य सुचारू रूप से सम्पन्न हुआ। अतिरिक्त काउंटर बनाकर भी सागर और दमोह जिलों में अधिकारियों कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई। इसी तरह इंदौर जिले में 65 वर्ष से अधिक आयु के किसानों के लिए पृथक काउंटर बनाया गया। ऐसे सफल प्रयोग अन्य जिलों में भी किए जाएं।

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ड्रोन तकनीक का बढ़े उपयोग

डॉ. यादव ने कृषि कार्यों में ड्रोन तकनीक के उपयोग को बढ़ावा देने की बात कही। उन्होंने कहा कि ड्रोन के माध्यम से यूरिया का छिड़काव और खाद डालने से न केवल समय और लागत की बचत होती है, बल्कि यह पर्यावरण के अनुकूल भी है। किसानों को किराए पर ड्रोन उपलब्ध कराने और प्राकृतिक जैविक खेती को प्रोत्साहित करने के निर्देश भी दिए गए।

नरवाई प्रबंधन में सिवनी मॉडल की तारीफ

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने नरवाई प्रबंधन के प्रयासों की भी जानकारी प्राप्त की। बैठक में जानकारी दी गई कि प्रदेश के चयनित जिलों में सुपर सीडर और हैप्पी सीडर के प्रयोग की रणनीति बनाई गई है। इससे नरवाई के नियंत्रण का कार्य संभव होगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने नरवाई प्रबंधन के अंतर्गत किसानों को जागरूक बनाने के लिए नरवाई रथ के माध्यम से प्रचार-प्रसार करने को कहा। जीरो टिलेज तकनीक के माध्यम से बोवनी, 40 हजार एकड़ के जीरो टिलेज फार्मिंग के फसल प्रदर्शन और सुपर सीडर एवं हैप्पी सीडर द्वारा नरवाई प्रबंधन और बोवनी के कार्य कुछ जिलों में किए जा रहे हैं। इनका अन्य जिलों में विस्तार किया जाए। प्रदेश के 30 जिलों के 400 ग्रामों को नरवाई जलाने से मुक्त ग्राम बनाने के लिए चयनित किया गया है। सिवनी जिले में धारा 144 लगाने, 25 पंचनामें बनाने और सुपर सीडर एवं हैप्पी सीडर का उपयोग बढ़ाने का कार्य कृषि विभाग और जिला प्रशासन के अमले ने मैदान पर जाकर किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इस प्रयोग की सराहना की। नर्मदापुरम कलेक्टर ने बताया कि नरवाई जलाने से रोकने के लिए खेत पाठशालाएं लगाई गईं और किसान जागरूकता रथ चलाए गए। कुछ जिलों में किसानों ने स्वयं नए यंत्रों पर उपलब्ध अनुदान का लाभ लेते हुए जागरूकता का परिचय दिया है।

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किसानों और आमजन को राजस्व महाअभियान का लाभ दिलवाएं

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि एक माह अवधि के राजस्व महाअभियान 3.0 का शुभारंभ 15 नवम्बर को हो चुका है। इस अभियान में निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप किसानों और आमजन को लाभ दिलवाया जाए। पीएम किसान योजना के लिए फार्मर आईडी को दिसम्बर 2024 से अनिवार्य किया जा रहा है। इस नाते कलेक्टर्स इस कार्य को सुनिश्चित करें। खसरा एवं आधार लिंकिंग का कार्य शिविर लगाकर किया जाए। स्वामित्व योजना के समस्त ग्रामों से सबंधित दस्तावेज भी पूर्ण और व्यवस्थित करते हुए राजस्व महाभियान से स्थानीय जनप्रतिनिधियों को जोड़ा जाए। वीडियो कांफ्रेंस एवं बैठक में जानकारी दी गई कि  राजस्व महाअभियान 3.0 प्रदेश में एक लाख से अधिक नामांतरण, 10 हजार से अधिक बँटवारा, लगभग 20 हजार सीमांकन और एक लाख 39 हजार नक्शा बटांकन, करीब 4 हजार अभिलेख दुरूस्ती और लगभग 2 लाख आधार से खसरे लिंक करने का लक्ष्य तय किया गया है।

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