भाकृअनुप और बायर छोटे किसानों के बीच स्थायी एजी-टेक अपनाने को देंगे बढ़ावा
25 मई 2024, करनाल: भाकृअनुप और बायर छोटे किसानों के बीच स्थायी एजी-टेक अपनाने को देंगे बढ़ावा – करनाल. भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद और वैश्विक उद्यम बायरने हाल ही में कृषि विज्ञान केद्रों के माध्यम से किसानों की तकनीकी उन्नति के लिए एक एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं। साझेदारी का उद्देश्य किसानों को कृषि संबंधी समाधान, फसल सुरक्षा, सीधे बीज वाले चावल के लिए मशीनीकरण और जल-सकारात्मक प्रथाओं के लिए सटीक उपकरण प्रदान करके उनकी आजीविका में सुधार करना है। भाकृअनुप-केवीके, करनाल द्वारा गत दिवस भाकृअनुप-राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान, करनाल में (कृषि विस्तार प्रभाग), भाकृअनुप के उप-महानिदेशक (कृषि विस्तार), डॉ. यू.एस. गौतम की अध्यक्षता में कार्यशाला का आयोजन किया गया। डॉ. गौतम ने विकसित भारत पहल के तहत कृषि में पानी और कार्बन फुटप्रिंट्स को कम करने पर नए सिरे से ध्यान केन्द्रित करने के मद्देनजर चावल की फसल का नए तरीके से उत्पादन करने की बात कही। उन्होंने आगे कहा कि भाकृअनुप-बायर सहयोग एक अद्वितीय सार्वजनिक-निजी-किसान-भागीदारी (पीपीपी) पहल है जो भाकृअनुप-केवीके और किसानों को सबसे अधिक उत्पादक किस्मों और टेक्नोलॉजी चयन करने का अवसर देता है।
डॉ. धीर सिंह, निदेशक भाकृअनुप-एनडीआरआई, करनाल, डॉ. आर. कार्यशाला के दौरान अटारी जोन-I, डॉ. संगीता डावर, लीड गवर्नमेंट अफेयर्स, बायर, डॉ. अजीत चहल, राइस प्लेटफॉर्म लीड, बायर, और साइमन वीबुश, प्रेसिडेंट बायर दक्षिण एशिया, अपने विशेषज्ञों की टीम के साथ उपस्थित थे।
डीएसआर प्रदर्शन खरीफ 2024 के दौरान 8 राज्यों – हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, झारखंड, ओडिशा, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र में फैले 46 केवीके पर आयोजित किए जाएंगे।