राज्य कृषि समाचार (State News)पशुपालन (Animal Husbandry)

बीमार पशुओं के उपचार के लिए घर पहुंच सेवा

28 जून 2025, बालाघाट: बीमार पशुओं के उपचार के लिए घर पहुंच सेवा – प्रदेश के सभी पशु पालकों को घर पहुंच पशु चिकित्‍सा सेवा उपलब्ध कराने के लिए मप्र शासन के पशुपालन एवं डेयरी विभाग द्वारा चलित पशु चिकित्सा  इकाई  संचालित की जा रही है। इसके लिए सम्‍पूर्ण मप्र में कुल 406 चलित  इकाइयां  प्रदान की गई है। बालाघाट जिले के सभी 10 विकास खंडों के लिए 01-01 एवं जिला मुख्यालय के लिए एक अतिरिक्त  इकाई  इस प्रकार कुल 11 चलित  इकाई  उपलब्‍ध कराई गई है। किसान एवं पशुपालक अपने बीमार पशुओं के उपचार के लिए 1962 नंबर पर कॉल कर इस सेवा का लाभ ले सकते है।

उप संचालक  पशु चिकित्‍सा सेवा डॉ. एन.डी.पुरी ने बताया कि चलित पशु चिकित्सा वाहन आधुनिक उपकरणों एवं यंत्रों से सुसज्जित है। इसमें कुशल तकनीकी योग्यताधारी पशु चिकित्सा एवं पैरा वेटनरी स्टाफ नियुक्त किया गया है। 1962 नंबर  पर कॉल आते ही चलित इकाई द्वारा पशुपालकों को बीमार  पशुओं के उपचार के लिए घर पहुंच सेवा प्रदाय की जाती है। डॉ. पुरी ने बताया कि इस सेवा का लाभ लेने के लिए पशुपालकों को टोल फ्री नम्‍बर 1962 पर कॉल करके भोपाल स्थित कॉल सेंटर में अपने बीमार पशु से संबंधित समस्या अवगत कराना होता है। कॉल सेंटर में जानकारी मिलने के बाद 04 से 12 घंटे के भीतर चलित इकाई पशु पालक के घर पहुंचकर बीमार पशु का उपचार करती है।

इस चलित  इकाई  में पशु उपचार के साथ-साथ बधियाकरण, टीकाकरण, कृत्रिम गर्भाधान, पशु जांच आदि की सुविधा उपलब्ध है। इस चलित इकाई की सेवा लेने के लिए पशुपालक से कुछ शुल्क लिया जाता है। बड़े पशु गाय, भैंस आदि के उपचार के लिए 150 रुपये, 01 से 10 की संख्या तक के छोटे पशु भेड़, बकरी आदि के लिए 150 रुपये तथा कुत्ता एवं बिल्ली के उपचार के लिए 300 रुपए की राशि ली जाती है। किसानों एवं पशुपालकों से अपील की गई है कि इस चलित पशु चिकित्सा इकाई का अधिक से अधिक लाभ उठाएं और 1962 नंबर पर कॉल कर अपने बीमार पशु का घर बैठे उपचार  कराएं ।

(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़,  टेलीग्रामव्हाट्सएप्प)

(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)

कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

www.krishakjagat.org/kj_epaper/

कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

www.en.krishakjagat.org

Advertisements