राज्य कृषि समाचार (State News)

छत्तीसगढ़ में किसानों का सुनहरा दौर: राज्य सरकार के फैसलों से खुशहाल हुए किसान, बढ़ी आमदनी

21 जुलाई 2025, नई दिल्ली: छत्तीसगढ़ में किसानों का सुनहरा दौर: राज्य सरकार के फैसलों से खुशहाल हुए किसान, बढ़ी आमदनी – छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और कृषि मंत्री रामविचार नेताम के नेतृत्व में किसानों के लिए लगातार बड़े फैसले लिए जा रहे हैं। इन नीतियों की वजह से किसानों की आमदनी बढ़ी है और खेती-किसानी में नई उम्मीद जगी है। मुख्यमंत्री साय के नेतृत्व में सरकार बनने के बाद प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की गारंटी को पूरा करते हुए किसानों से समर्थन मूल्य पर प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान खरीदी गई। 

धान का दाम 3100 रुपये प्रति क्विंटल तय कर किसानों को बेहतर मुनाफा दिलाया गया। सरकार ने अब तक किसानों के खाते में लगभग 1.25 लाख करोड़ रुपये ट्रांसफर किए हैं। इससे खेती का रकबा, किसानों की संख्या और उत्पादन में लगातार बढ़ोतरी हो रही है।

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छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था में कृषि का बड़ा योगदान

देश की जीडीपी में कृषि की अहम भूमिका है और छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था पूरी तरह खेती-किसानी पर निर्भर है। इसलिए छत्तीसगढ़ को धान का कटोरा कहा जाता है। बीते डेढ़ साल में किसानों के लिए जो फैसले लिए गए हैं उनसे खेती को नई ताकत मिली है। इससे किसानों का मनोबल बढ़ा है और आर्थिक स्थिति में सुधार आया है।

रिकॉर्ड धान खरीदी से किसानों को बड़ा फायदा

खरीफ विपणन वर्ष 2023-24 में राज्य सरकार ने 24.75 लाख किसानों से 144.92 लाख मीट्रिक टन धान खरीदा, जो अब तक का सबसे बड़ा रिकॉर्ड है। इसके बदले किसानों को समर्थन मूल्य के तौर पर 32 हजार करोड़ रुपये का भुगतान किया गया। इसके अलावा किसान समृद्धि योजना के तहत अंतर की राशि के रूप में 13,320 करोड़ रुपये सीधे खातों में भेजे गए। वहीं, खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 में 149.25 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी कर 34,500 करोड़ रुपये का भुगतान किसानों को किया गया और 12 हजार करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि सीधे खातों में भेजी गई।

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किसानों को मिला दो साल का बकाया बोनस

राज्य सरकार ने किसानों से किया वादा निभाते हुए प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान खरीदी और दो साल का बकाया धान बोनस 3716 करोड़ रुपये का भी भुगतान किया। इससे किसानों में खुशी की लहर दौड़ गई है। किसान मानते हैं कि साय सरकार ने दिखा दिया कि खेती से ही राज्य की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी और किसानों का जीवन बेहतर बनेगा।

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ब्याज मुक्त कृषि ऋण से किसानों को राहत

छत्तीसगढ़ में किसानों को शून्य प्रतिशत ब्याज पर अल्पकालीन कृषि ऋण की सुविधा 1 अप्रैल 2014 से मिल रही है। 5 लाख रुपये तक का कर्ज शून्य ब्याज पर दिया जा रहा है। खरीफ 2024 में 15.21 लाख किसानों को 6912 करोड़ रुपये का कृषि ऋण दिया गया। वर्ष 2025 में यह लक्ष्य बढ़ाकर 7800 करोड़ रुपये कर दिया गया है, जिसमें अभी तक 5124 करोड़ रुपये वितरित हो चुके हैं।

सिंचाई के लिए बड़े कदम

किसानों को सिंचाई सुविधा देने के लिए प्रधानमंत्री सिंचाई योजना के साथ-साथ सौर सुजला योजना भी चलाई जा रही है। जिन इलाकों में बिजली नहीं है, वहां सौर पंप के जरिए सिंचाई की सुविधा दी जा रही है। राज्य सरकार किसानों और भूमिहीन मजदूरों की स्थिति सुधारने के लिए पूरी ताकत से काम कर रही है।

खेती के बजट में 33 प्रतिशत की बढ़ोतरी

सरकार ने कृषि बजट में 33% की बढ़ोतरी की है। वर्ष 2024-25 में 13,435 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए किसान उन्नति योजना के लिए 10,000 करोड़ रुपये रखे गए हैं और 5 एचपी तक के कृषि पंपों को मुफ्त बिजली देने के लिए 3,500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।

भूमिहीन किसानों के लिए भी राहत

भूमिहीन कृषि मजदूरों को सालाना 10,000 रुपये की आर्थिक सहायता दी जा रही है। इसके लिए 600 करोड़ रुपये का प्रावधान है। दलहन और तिलहन की खरीदी के लिए 80 करोड़ रुपये, फसल बीमा योजना के लिए 750 करोड़ रुपये और कृषक समग्र विकास योजना के लिए 150 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है।

पीएम किसान योजना का भी मिल रहा लाभ

प्रदेश के 26 लाख से ज्यादा किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का लाभ मिल रहा है, जिसमें सालाना 6000 रुपये सीधे खातों में ट्रांसफर किए जाते हैं। इसके अलावा केंद्र सरकार ने छत्तीसगढ़ से केन्द्रीय पूल में 78 लाख मीट्रिक टन चावल जमा करने का लक्ष्य तय किया है।

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