ग्रामीणों के लिए सुनहरा मौका: बेसहारा गाय पालने पर UP सरकार दे रही ₹1500 महीना, जानिए कैसे उठाएं लाभ
10 जुलाई 2025, भोपाल: ग्रामीणों के लिए सुनहरा मौका: बेसहारा गाय पालने पर UP सरकार दे रही ₹1500 महीना, जानिए कैसे उठाएं लाभ – अगर आप गांव में रहते हैं और कमाई का कोई स्थायी साधन ढूंढ रहे हैं, तो उत्तर प्रदेश सरकार की “मुख्यमंत्री निराश्रित बेसहारा गोवंश सहभागिता योजना” आपके लिए मददगार साबित हो सकती है। इस योजना के तहत यदि कोई व्यक्ति बेसहारा गायों को अपने यहां पालता है, तो सरकार उसे हर गाय पर ₹1500 प्रति माह की सहायता राशि देती है। यह पैसा सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में DBT (डायरेक्ट बैंक ट्रांसफर) के जरिए भेजा जाता है।
क्या है योजना का मकसद?
इस योजना का उद्देश्य है कि सड़कों और खेतों में घूम रही आवारा गायों को सुरक्षित आश्रय मिल सके और ग्रामीण परिवारों को गाय पालन के ज़रिए आय का साधन भी प्राप्त हो। इससे देशी नस्ल की गायों का संरक्षण होगा और पशुपालकों की आमदनी भी बढ़ेगी।
कितनी गाय पाल सकते हैं?
योजना के तहत एक व्यक्ति अधिकतम 4 गायों को पाल सकता है। हर गाय के लिए उसे ₹1500 महीना यानी ₹50 प्रतिदिन की सहायता मिलती है। गायों को सरकारी गोशालाओं से टैग सहित सुपुर्द किया जाता है।
गरीब और कुपोषित परिवारों को मिलेगा डबल फायदा
इस योजना से गरीब और कुपोषित परिवारों को दूध देने वाली गायें दी जाती हैं ताकि बच्चों को पोषण मिल सके और परिवार की सेहत में सुधार हो। इन परिवारों को भी हर महीने ₹1500 प्रति गाय के हिसाब से आर्थिक मदद दी जाती है।
अब तक कितने लोगों को मिला लाभ?
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक अब तक 2 लाख 1 हजार से ज्यादा बेसहारा गोवंश सुपुर्द किए जा चुके हैं। इनमें से 3619 गायें कुपोषित परिवारों को दी गई हैं। इससे इन परिवारों को दूध भी मिल रहा है और आमदनी भी बढ़ रही है।
किन बातों का रखना होगा ध्यान?
1. गाय को बेचना, खुला छोड़ना या लावारिस हालत में रखना सख्त मना है।
2. योजना का लाभ लेने के लिए संबंधित व्यक्ति को जिलाधिकारी के माध्यम से पंजीकरण कराना होगा।
3. गायों की पहचान टैग से होगी और उनकी निगरानी भी की जाएगी।
क्या होंगे फायदे?
1. आवारा पशुओं से फसल की सुरक्षा
2. देशी नस्ल की गायों का संरक्षण
3. ग्रामीणों की आमदनी और पोषण में सुधार
4. गांवों में रोजगार और ज़िम्मेदारी का विकास
यदि आप भी इस योजना से जुड़कर आमदनी बढ़ाना चाहते हैं, तो अपने ज़िले के पशुपालन विभाग से संपर्क कर योजना में आवेदन कर सकते हैं।
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