100 अंडों के इनक्यूबेटर से ₹6 लाख की कमाई तक, दिनेश की जीत की कहानी
दिनेश की कहानी, कैसे एक बी.टेक स्नातक बना लाखों का उद्यमी
13 दिसंबर 2024, भोपाल: 100 अंडों के इनक्यूबेटर से ₹6 लाख की कमाई तक, दिनेश की जीत की कहानी – किसी ने सच ही कहा है कि मेहनत और सही मार्गदर्शन इंसान की किस्मत बदल सकता है। ऐसी ही एक प्रेरणादायक कहानी है बी.टेक स्नातक थिरु ए. दिनेश की, जिन्होंने अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद खेती और डेयरी में हाथ आजमाया। लेकिन उन्होंने कुछ ऐसा किया, जिससे वे आज लाखों के उद्यमी बन गए। दिनेश ने कृषि विज्ञान केन्द्र (केवीके) पुडुचेरी से मार्गदर्शन लेकर पोल्ट्री फार्मिंग के क्षेत्र में कदम रखा और अपनी लगन व मेहनत से सफलता की नई ऊंचाइयों को छू लिया।
बी.टेक से पोल्ट्री उद्यमिता तक का सफर
दिनेश ने बी.टेक के बाद अपने पिता की खेती और डेयरी फार्मिंग में मदद करना शुरू किया। इसके बाद उन्होंने 2019 में तमिलनाडु पशु चिकित्सा तथा पशु विज्ञान विश्वविद्यालय का दौरा कर आधुनिक पोल्ट्री फार्मिंग के गुर सीखे। उन्होंने आर्या (कृषि में युवाओं को आकर्षित करने और बनाए रखने की परियोजना) के तहत केवीके के वैज्ञानिकों से प्रशिक्षण प्राप्त किया और एक पोल्ट्री फार्म की शुरुआत की।
देशी चिकन से शुरुआत, बटेर फार्मिंग तक का सफर
दिनेश ने अपने पोल्ट्री फार्म की शुरुआत देशी चिकन से की, जिसकी बाजार में काफी मांग थी। 2020 में, उन्हें आर्या परियोजना के तहत केवीके से 100 अंडों की क्षमता वाला इनक्यूबेटर प्राप्त हुआ। इस इनक्यूबेटर ने उनकी इकाई का विस्तार करने में मदद की और वे अतिरिक्त चूजे बेचने लगे। इसी वर्ष उन्होंने बटेर पालन का भी सफर शुरू किया।
25 चूजों से शुरू हुआ बटेर फार्म धीरे-धीरे बढ़ता गया। 2022 में, दिनेश ने 1000 चूजों को बेचने योग्य उम्र तक पाला और वयस्क पक्षियों को बेचकर 2,80,000 रुपये की आय अर्जित की। वयस्क पक्षियों द्वारा दिए गए अंडों को इनक्यूबेट कर नए चूजों का उत्पादन किया गया।
2023 में दिनेश ने अपने व्यवसाय का विस्तार किया और 12,000 अंडों की क्षमता वाले इनक्यूबेटर का निर्माण किया। इसके साथ ही, उन्होंने तीन अन्य उद्यमियों को प्रशिक्षित किया और उन्हें व्यवसाय शुरू करने में मदद की।
लिंगारेड्डीपलायम, पुडुचेरी में दिनेश ने एक बिक्री केंद्र स्थापित किया। यहां वे अंडे, चूजे, बटेर के अंडे और मांस से बने मूल्यवर्धित उत्पाद बेचते हैं। इसके साथ ही, वे जरूरतमंद किसानों के लिए इनक्यूबेटर भी बनाते हैं।
सालाना आय
आज दिनेश की पोल्ट्री और बटेर फार्मिंग इकाई उनकी कड़ी मेहनत और केवीके-पुडुचेरी की सहायता से सालाना 6,22,700 रुपये की सकल आय अर्जित कर रही है। उन्होंने न केवल खुद को एक सफल उद्यमी के रूप में स्थापित किया है, बल्कि अन्य युवाओं को भी आत्मनिर्भर बनने का रास्ता दिखाया है।
दिनेश की कहानी उन सभी युवाओं के लिए प्रेरणा है, जो रोजगार के नए अवसरों की तलाश में हैं। उनकी लगन, आधुनिक तकनीक का उपयोग और सही दिशा ने यह साबित कर दिया कि सही प्रयास से असंभव को भी संभव बनाया जा सकता है।
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