मध्यप्रदेश पुलिस के इतिहास में पहली बार मिले एक वर्ष में 15 वीरता पदक
16 अगस्त 2024, भोपाल: मध्यप्रदेश पुलिस के इतिहास में पहली बार मिले एक वर्ष में 15 वीरता पदक – मध्यप्रदेश पुलिस ने इस वर्ष इतिहास रचते हुए एक साथ 15 वीरता पदक हासिल किए हैं। स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर भारत सरकार ने नक्सल विरोधी अभियानों में अदम्य साहस का प्रदर्शन करने वाले 12 अधिकारियों और कर्मचारियों को वीरता पदक से सम्मानित करने की घोषणा की है। इस तरह, वर्ष 2024 में कुल 15 वीरता पदक प्रदेश के बहादुर जवानों को प्रदान किए जाएंगे।
नक्सल विरोधी अभियानों के दौरान 4 मुठभेड़ों में साहस तथा सूझबूझ का प्रदर्शन कर 6 हार्डकोर नक्सलियों को धराशायी करने के फलस्वरूप “वीरता पदक’’ से 11 अधिकारियों/कर्मचारियों को व एक अन्य प्रकरण में एक अन्य अधिकारी को वीरता पदक प्रदान करने की घोषणा की गई है। तीन वीरता पदकों की घोषणा इसी वर्ष गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या 25 जनवरी 2024 को की गई थी। इस तरह वर्ष 2024 में नक्सल विरोधी अभियानों में 14 वीरता पदक तथा एक अन्य प्रकरण में एक अन्य अधिकारी को वीरता पदक प्रदान करने की घोषणा की गई है। इस प्रकार इस वर्ष कुल 15 वीरता पदक मध्यप्रदेश पुलिस के अधिकारी व कर्मचारी प्राप्त करेंगे।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस महत्वपूर्ण उपलब्धि के लिए मध्यप्रदेश पुलिस के बहादुर जवानों को बधाई दी और कहा कि यह सम्मान पुलिस बल की अद्वितीय प्रतिबद्धता और साहस का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि राज्य में नक्सल गतिविधियों को समूल नष्ट करने के लिए उनकी सरकार संकल्पित है और पुलिस की यह सफलता उसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
वीरता पदक प्राप्त करने वाले अधिकारी
वीरता पदक से सम्मानित होने वाले अधिकारियों में पुलिस अधीक्षक श्री समीर सौरभ, सेनानी श्री मोतीउर्रहमान, निरीक्षक श्री आशीष शर्मा, उप निरीक्षक श्री मोहम्मद अयूब खान, उप निरीक्षक श्री मोहनलाल मरावी, सहायक उप निरीक्षक श्री राजेश धुर्वे, और प्रधान आरक्षक श्री हनुमंत टेकाम शामिल हैं।
मुठभेड़ों में साहस का प्रदर्शन
बालाघाट के कमकोदादर जंगल क्षेत्र में 14 दिसंबर 2023 को हुई मुठभेड़ में नक्सली एसीएम चैतू को धराशायी करने में नामदेव शर्मा, अरूण मिश्रा और अतुल कुमार शुक्ला ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसी तरह, कदला जंगल क्षेत्र में 22 अप्रैल 2023 को हुई मुठभेड़ में नक्सली एसीएम सरिता और सुनीता को मार गिराने में पुलिस अधीक्षक समीर सौरभ और अन्य अधिकारियों ने साहसिक प्रदर्शन किया।
नक्सल विरोधी अभियानों की सफलता
पिछले 5 वर्षों में, हॉक-फोर्स के जांबाज कमांडों ने 3.17 करोड़ के इनामी 20 हार्डकोर नक्सलियों को मार गिराया है, जो मध्यप्रदेश पुलिस की प्रभावी कार्रवाई का जीता जागता उदाहरण है। इन अभियानों में शामिल सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को वीरता पदक से सम्मानित किया जाएगा, जिससे यह स्पष्ट होता है कि राज्य की पुलिस बल अपनी सुरक्षा और साहसिक कार्रवाई के लिए पूरी तरह समर्पित है।
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