ठंड में पशुओं को खिलाए नेपियर चारा, दूध उत्पादन में होगी बढ़ोतरी
26 दिसंबर 2024, भोपाल: ठंड में पशुओं को खिलाए नेपियर चारा, दूध उत्पादन में होगी बढ़ोतरी – पशुपालक किसानों को ठंड के इस मौसम में पशुओं का विशेष तौर पर ध्यान रखना होता है वहीं खाने पीने में भी सावधानी बरतना होती है. विशेषज्ञों ने किसानों को यह सलाह दी है कि वे ठंड के इस मौसम में पशुओं
को नेपियर चारा ज्यादा से ज्यादा खिलाए ताकि दूध उत्पादन में भी बढ़ोतरी हो सके.
गन्ने की तरह दिखने वाली सुपर नेपियर घास मूल रूप से थाईलैंड में उगने वाली घास है. जिसे ‘हाथी घास’ के नाम से भी जाना जाता है. इसके पीछे कारण यह है कि इसका आकार काफी बड़ा होता है. यह घास किसानों और पशु पालकों के लिए आर्थिक रूप से बेहद फायदेमंद है. हरे घास में नेपियर घास पशुओं के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है. यह घास न केवल पशुओं में दूध उत्पादन को बढ़ाती है बल्कि इससे पशुओं का स्वास्थ्य भी उत्तम रहता है. वैसे तो नेपियर को लगाने का सबसे अच्छा समय मार्च का महीना होता है. लेकिन इसके साथ ही इसकी बुवाई दिसंबर में भी कर सकते हैं. यह एक सदाबहार चारा है. इसलिए यदि इसके टुकड़े बड़े हों, तो इनकी पत्तियां काट देनी चाहिए. इसके साथ ही इसकी बुवाई हमेशा लाइनों और मेड़ों पर ही करनी चाहिए. नेपियर की बुआई ठीक उसी प्रकार की जाती है, जैसे गन्ने की होती है. साथ ही इसकी खासियत की बात करें तो यह प्रत्येक 50 दोनों में बार-बार कटाई के लिए तैयार हो जाता है, जो कि यह प्रक्रिया कई वर्षों तक चलती रहती है. इससे किसानों को बार-बार नेपियर बोने का झंझट नहीं झेलना पड़ता. पशुओं में दूध बढ़ाने के लिए नेपियर घास के अलावा बरसीम घास भी मददगार है. इसे काटकर भूसे में मिलाकर देना फायदेमंद है. 3 किलो भूसे में 1.5 किलो बरसीम घास मिलाकर खिलाना बेहतर रहेगा. बरसीम घास पोषक गुणों से भरपूर होने के साथ ही पचाने में भी आरामदायक होता है. पशुओं को लगातार बरसीम खिलाने से उनका दूध बढ़ जाता है और स्वास्थ भी ठीक रहता है.
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