राज्य कृषि समाचार (State News)

न्याय योजना में धान बुवाई न कर पेड़ लगाने वाले किसानों को 10 हजार रु. एकड़ मिलेंगे: छत्तीसगढ

धान के साथ मक्का, कोदो-कुटकी, सोयाबीन, अरहर . गन्ना  कृषकों को सालाना  9000 रु.  एकड़ सब्सिडी 

31 मई 2021, रायपुर । न्याय योजना में  धान बुवाई न कर  पेड़ लगाने वाले किसानों को 10 हजार रु. एकड़ मिलेंगे – छत्तीसगढ़  में फसल विविधीकरण, उत्पादन एवं उत्पादकता में बढोतरी कर किसानों की आय में वृद्धि के उद्देश्य से सरकार द्वारा राजीव गांधी किसान न्याय योजना की  गाइडलाइन जारी कर दी गई है। कृषि  मंत्रालय रायपुर द्वारा जारी दिशा-निर्देश के अनुसार राजीव गांधी किसान न्याय योजना के अंतर्गत सभी श्रेणी के भू-स्वामी और वन पट्टा धारी कृषक पात्र होंगे। 

इस योजना के तहत खरीफ 2021 से धान के साथ खरीफ की प्रमुख फसल मक्का, कोदो-कुटकी, सोयाबीन, अरहर तथा गन्ना उत्पादक कृषकों को प्रतिवर्ष प्रति एकड़ के मान से 9000 रुपए आदान सहायता राशि दी जाएगी। वर्ष 2020-21 में जिस रकबे से किसान द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान विक्रय किया गया था यदि वह धान के बदले कोदो -कुटकी, गन्ना, अरहर, मक्का, सोयाबीन, दलहन, तिलहन, सुगंधित धान अन्य फोर्टिफाइड धान, केला, पपीता लगाता है अथवा वृक्षारोपण करता है तो उसे प्रति एकड़ 10000 रुपए के मान से आदान सहायता मिलेगी। वृक्षारोपण करने वाले कृषकों को 3 वर्ष तक आदान सहायता दी जाएगी।

Advertisement
Advertisement


इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए किसानों को पंजीयन कराना होगा। पंजीयन राजीव गांधी किसान न्याय योजना के पोर्टल पर 1 जून से लेकर 30 सितंबर के मध्य किया जा सकेगा। यह योजना खरीफ 2021 से प्रदेश के सभी जिलों में लागू होगी।

इस योजना का क्रियान्वयन राज्य स्तर पर आयुक्त एवं संचालक कृषि तथा जिला स्तर पर कलेक्टर की देखरेख में उप संचालक कृषि द्वारा किया जाएगा।  योजना के तहत पंजीकृत कृषक को अपने आवश्यक दस्तावेज जैसे ऋण पुस्तिका , बी-1, आधार नंबर, बैंक पासबुक की छायाप्रति के साथ निर्धारित प्रपत्र में भरे हुए आवेदन का सत्यापन कृषि विस्तार अधिकारी से कराना होगा। जिसे निर्धारित समयावधि में संबंधित प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति में जमा कर कृषक वहां से पावती प्राप्त कर सकेगा। संयुक्त खातेदार का पंजीयन नंबरदार नाम से किया जाएगा। इस हेतु संबंधित कृषकों को आवेदन पत्र के साथ समस्त खाताधारकों की सहमति सह-शपथ पत्र तथा अन्य आवश्यक अभिलेख प्रस्तुत करना होगा। आदान सहायता पंजीकृत कृषक नंबरदार के खाते में अंतरित की जाएगी।  जिसका बटवारा आपसी सहमति से खातेदार करेंगे।

Advertisement8
Advertisement

     

Advertisement8
Advertisement

    


    

Advertisements
Advertisement5
Advertisement