Advertisement8
Advertisement
राज्य कृषि समाचार (State News)

ग्रीन-एजी परियोजना के तहत कांटा रहित कैक्टस खेती सीखने अमलाहा पहुंचे किसान

27 सितम्बर 2025, भोपाल: ग्रीन-एजी परियोजना के तहत कांटा रहित कैक्टस खेती सीखने अमलाहा पहुंचे किसान – किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग द्वारा खाद्य एवं कृषि संगठन की ग्रीन-एजी परियोजना के अंतर्गत श्योपुर जिले के किसानों का एक दल डॉ. नीलम बिसेन पवार, राज्य तकनीकी समन्वयक, श्रीमती मिली मिश्रा, संचार अधिकारी और पशुपालन विशेषज्ञ अमृतेश वशिष्ठ के साथ सीहोर स्थित आईसीएआरडीए केंद्र, अमलाहा पहुँचा। इस दौरे का उद्देश्य किसानों को कांटारहित कैक्टस की खेती और उसके विविध उपयोगों के बारे में जानकारी देना था।

प्रशिक्षण कार्यक्रम में डॉ. नेहा तिवारी, वैज्ञानिक (ICARDA-India) ने बताया कि कैक्टस एक ऐसा पौधा है जो बेहद कम पानी में भी आसानी से उग जाता है और शुष्क व बंजर भूमि में भी अच्छी तरह पनप सकता है। कांटा रहित होने से यह पशुओं के लिए गर्मी और सूखे के समय हरे चारे का एक महत्वपूर्ण वैकल्पिक स्रोत है। इसके अतिरिक्त, कांटा रहित नागफनी से बायोगैस और खाद तैयार करने के तरीके भी किसानों को समझाए गए।

Advertisement
Advertisement

किसानों को कैक्टस की पोषण संबंधी विशेषताओं और इसके दीर्घकालिक लाभों के बारे में भी जानकारी दी गई। इस दौरान किसानों ने खेतों में जाकर प्रत्यक्ष रूप से कांटा रहित कैक्टस की विभिन्न किस्मों के पौधों का अवलोकन किया और उसकी खेती की तकनीक को समझा। किसानों का मानना था कि यह खेती न केवल पशुपालन के लिए उपयोगी है बल्कि उनकी आय बढ़ाने में भी सहायक सिद्ध हो सकती है।

वर्तमान में ग्रीन-एजी परियोजना श्योपुर और मुरैना जिलों में संचालित है। इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य जैव विविधता संरक्षण, जलवायु परिवर्तन के अनुकूलन और सतत भूमि प्रबंधन को भारतीय कृषि प्रणाली में एकीकृत करना है। इसके अंतर्गत किसानों को नई और पर्यावरण अनुकूल खेती की तकनीकें सिखाई जा रही हैं, जिनमें कैक्टस की खेती विशेष रूप से लाभकारी साबित हो सकती है।

Advertisement8
Advertisement

आपने उपरोक्त समाचार कृषक जगत वेबसाइट पर पढ़ा: हमसे जुड़ें
> नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़व्हाट्सएप्प
> कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें
> कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें: E-Paper
> कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें: Global Agriculture

Advertisement8
Advertisement
Advertisements
Advertisement5
Advertisement