कांटा रहित खेजड़ी ‘थार शोभा’ बनी किसानों की पसंद
28 फ़रवरी 2025, भोपाल: कांटा रहित खेजड़ी ‘थार शोभा’ बनी किसानों की पसंद – कृषि विज्ञान केन्द्र पोकरण द्वारा खेजड़ी की उन्नत खेती विषय पर एकदिवसीय गैर आवासीय प्रशिक्षण का आयोजन ग्राम दुधिया में किया गया जिसमें 25 किसानों ने भाग लिया। कार्यक्रम में काजरी के क्षेत्रीय अनुसन्धान संस्थान जैसलमेर के प्रधान वैज्ञानिक डॉ सुगन चन्द मीना ने किसानों को थार शोभा खेजरी की उपयोगिता एवं पोषण महत्त्व के बारे में बताया।
इन्होने बताया कि खेजड़ी के पौधे से सांगरी प्राप्त की जाती है, इसे बेचकर किसान 1,000 से 1,200 रुपये प्रति किलोग्राम के हिसाब से प्राप्त कर सकते हैं। काजरी के क्षेत्रीय अनुसन्धान संस्थान जैसलमेर के कृषि वानिकी वैज्ञानिक डॉ शिरान ने प्रतिभागियों को खेजड़ी में ग्राफ्टिंग, खाद, उर्वरक, रोग एवं कीट प्रबन्धन पर विस्तृत जानकारी दी। केंद्र के सस्य वैज्ञानिक डॉ कृष्ण गोपाल व्यास ने बताया कि किसान एक बीघा में 65 ग्राफ्टेड खेजड़ी के पौधे लगाकर हर साल लगभग 6 क्विंटल सांगरी, 40 क्विंटल लूंग और पर्याप्त मात्रा में लकड़ी का उत्पादन प्राप्त कर अतिरिक्त मुनाफा कमा सकते हैं।
केंद्र के प्रसार वैज्ञानिक सुनील कुमार शर्मा बताते हैं कि थार शोभा खेजड़ी की उन्नत प्रजाति है जो शुष्क इलाकों में खेती के लिए बेहद लाभकारी है। किसान इसे काजरी जोधपुर, केन्द्रीय शुष्क बागवानी संस्थान बीकानेर एवं एसकेआरएयू बीकानेर की नर्सरी से जुलाई एवं अगस्त माह में खरीद सकते हैं एवं खेत में अथवा खेत की परिधि पर लगा सकते है। यह पौधा तीन साल में पेड़ बनकर सांगरी देने लगता है। केन्द्र के पशुपालन वैज्ञानिक डॉ रामनिवास ने खेजड़ी के लूंग की साल भर पशुओं के लिए पोषक तत्वों से भरपूर हरे चारे की उपलब्धता एवं उपयोग के बारे में किसानों को अवगत कराया।
इस पौधे से प्राप्त सांगरी में कई तरह के पोषक तत्व मौजूद होते है, जो स्वास्थ्य के लिए काफी लाभदायक माने जाते हैं। सांगरी में प्रोटीन, कैल्शियम, पोटेशियम, फाइबर, आयरन और जिंक अधिक मात्रा में पाए जाते हैं। सांगरी स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होन के साथ-साथ खाने में काफी स्वादिष्ट लगती है। इस अवसर पर कीराताराम, हनुमानाराम, नेमीचंद, शेराराम इत्यादि किसान मौजूद रहे।
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