राज्य कृषि समाचार (State News)

किसानों का चमकविहीन गेहूँ समर्थन मूल्य पर खरीदने से इंकार

सरकार की कथनी और करनी में अंतर

01 अप्रैल 2023, इंदौर: किसानों का चमकविहीन गेहूँ समर्थन मूल्य पर खरीदने से इंकार – बेमौसम बारिश ने किसानों की गेहूँ फसल को प्रभावित किया है। गेहूँ में नमी और चमक कम होने से उपार्जन केंद्रों पर किसानों के ऐसे गेहूँ को अमानक बता कर खरीदने से इंकार किया जा रहा है, जबकि मध्यप्रदेश के  कृषि मंत्री इंदौर में कह चुके हैं कि चमकहीन और 14 % तक नमी वाले गेहूँ का दाना -दाना  किसानों से खरीदा जाएगा। किसानों की शिकायतों को देखकर तो सरकार की कथनी और करनी अंतर  साफ नज़र आ रहा है। इससे किसानों में आक्रोश है। इसका समाधान नहीं होने पर किसानों ने आंदोलन की चेतावनी दी है।

ग्राम मुरादपुरा ( सांवेर ) के किसान श्री अरविन्द सिंह राठौर ने कृषक जगत को बताया कि बरलाई जागीर स्थित साइलो केंद्र पर आज अपना तेजस किस्म का गेहूँ समर्थन मूल्य पर बेचने आया था , लेकिन यहाँ चमकविहीन गेहूँ को खरीदने से ही इंकार कर दिया है। उपार्जन केंद्र के कर्मचारियों का कहना है कि चमकहीन गेहूँ एफएक्यू के मापदंड में नहीं आता है। साथ ही 12 % से अधिक नमी वाला गेहूँ नहीं खरीदा जाएगा , जबकि मप्र के मुख्यमंत्री और कृषि मंत्री किसानों से चमकहीन और 14 % तक नमी वाला गेहूँ का दाना -दाना खरीदने की बात कह चुके हैं। इस सायलो पर करीब 30 -35  किसान ट्रॉलियों में गेहूँ भरकर लाए थे, उन्हें भी इंकार कर दिया। दूरदराज से गेहूँ लेकर आए  किसानों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। स्लॉट बुकिंग की भी समस्या आ रही है। भाजपा किसान मोर्चा का जिला मंत्री होने के नाते मुख्यमंत्री से किसानों का यह चमकहीन गेहूँ  समर्थन मूल्य पर खरीदने का अनुरोध किया गया है।

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 संयुक्त किसान मोर्चा के श्री बबलू जाधव ने  कृषक जगत को बताया कि इंदौर जिले में  96 गेहूँ  खरीदी केंद्रों पर गेहूं की खरीदी हो रही है, लेकिन इन उपार्जन केंद्रों पर चमकहीन गेहूं को गुणवत्ताहीन बताकर खरीदने से इंकार किया जा रहा है। किसान प्राकृतिक आपदा का शिकार हुआ है। ऐसे में  किसानों को अपनी उपज बेचने में परेशानी हो रही है। किसानों को उम्मीद थी कि सरकारी खरीद में उनका यह  गेहूँ  खरीदा जाएगा, क्योंकि मुख्यमंत्री ने ओलावृष्टि के बाद घोषणा की थी कि किसी भी किसान का चमकहीन गेहूं वापस नहीं किया जाएगा ,बल्कि उसे खरीदा जाएगा। लेकिन अब सोसाइटियों में चमकहीनहीन गेहूं लेकर आ रहे किसान को लौटाया जा रहा है । ऐसा ही एक मामला गौतमपुरा सोसाइटी का सामने आया है। यही नहीं किसानों की सुविधा के लिए खरीदी केंद्रों पर छाया एवं पानी जैसी जरूरी सुविधाएं देने के निर्देश दिए गए थे , लेकिन यह भी उपलब्ध नहीं कराई गई है। मुख्यमंत्री, अपने वादे के अनुसार खरीदी केंद्रों पर चमकहीन गेहूं की खरीदी भी सरकारी मूल्य पर करने के आदेश जारी करें , अन्यथा किसान संगठनों को आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ेगा।  

अटाहेड़ा के किसान श्री दिलीप बीसी ने कृषक जगत को बताया कि हमने ऑनलाइन 28 तारीख का स्लाट बुक किया था और गौतमपुरा सोसाइटी में पूर्णा गेहूं की एक ट्रॉली लेकर आए थे । समिति प्रबंधक श्री शिवनारायण बैरागी ने गेहूँ देखकर उसमें नमी बताई । उनके कहने पर ही दो दिन मंडी में ही गेहूँ सुखाया। लेकिन सुखाने के बाद गेहूँ की गुणवत्ता ख़राब बताकर गेहूँ खरीदने से इंकार कर दिया। अंततः बाहरी हस्तक्षेप के बाद गेहूँ खरीदा गया। गेहूँ की चमक और गुणवत्ता को लेकर किसानों को परेशान किया जा रहा है। जबकि गेहूँ की गुणवत्ता बारिश में भीगने से प्रभावित हुई है। खरीदी केंद्र पर बैठने की और पानी पीने की व्यवस्था भी नहीं है। हम अपने घर से त्रिपाल लेकर आए थे। पानी अपने पैसे से लाकर पिया।

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