जबलपुर जिले में किसानों को एनपीके का उपयोग करने की समझाइश दी
22 जून 2024, जबलपुर: जबलपुर जिले में किसानों को एनपीके का उपयोग करने की समझाइश दी – खरीफ मौसम प्रारंभ हो चुका है एवं मानसून की जल्द आने की सम्भावना भी है। किसानों द्वारा खेती की तैयारी एवं बोनी का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है, साथ ही धान की नर्सरी भी डाली जा रही है। जिले में लगभग 1.80 लाख हेक्टेयर में धान की फसल ली जाती है । परियोजना संचालक आत्मा डॉ एस के निगम ने बताया कि कृषि में बीज के बाद उर्वरक का उपयोग बहुत अहम हो जाता है। डॉ निगम ने बताया कि कृषि अधिकारियों द्वारा किसानों को खरीफ की फसलों में डीएपी के स्थान पर एनपीके उर्वरक का इस्तेमाल करने की समझाइश दी जा रही है ।
इसी सिलसिले में गुरुवार को अनुविभागीय कृषि अधिकारी पाटन डॉ इंदिरा त्रिपाठी और वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी श्री श्रीकांत यादव ने डबल लॉक केंद्र गुरु पिपरिया पाटन के निरीक्षण के दौरान मौजूद किसानों को डीएपी के स्थान पर एनपीके उर्वरक का उपयोग करने की सलाह देते हुए बताया कि इससे फसलों में संतुलित मात्रा में तत्वों की पूर्ति होगी। किसानों को बताया गया कि फसलों के लिए पोटाश बहुत ही महत्वपूर्ण उर्वरक है। पोटाश से फसल के उत्पादन में वृद्धि होती है और फसल के दानों में चमक आती है। इससे फसल का भाव अच्छा मिलता है । डीएपी में नाइट्रोजन और फास्फोरस होता है, वहीं एन पी के उर्वरक में नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटाश तीनों महत्वपूर्ण तत्व उपलब्ध होते है I
किसानों को सलाह दी गई कि वे डीएपी के स्थान पर एसएसपी और एपीएस का विकल्प भी अपना सकते हैं I साथ ही बताया कि सिंगल सुपर फॉस्फेट एसएसपी का उपयोग करने से फसलों में सल्फर एवं कैल्शियम की आवश्यकता की पूर्ति होती है, जिससे फसलों के उत्पादन में वृद्धि होती है तथा तिलहनी फसलों में तेल की मात्रा भी बढ़ती है I एपीएस में नाइट्रोजन, फास्फोरस और सल्फर तत्व पाए जाते हैं, ये उत्पादन बढाने के लिए जरुरी है I चर्चा में अनुभागीय कृषि अधिकारी पाटन डॉ इंदिरा त्रिपाठी ने किसानों को निजी व्यापारियों से बीज और खाद खरीदते समय पक्का बिल लेने की सलाह भी दी । साथ ही कहा गया कि यदि कोई व्यापारी निर्धारित मूल्य से ज्यादा कीमत लेता है तो इसकी लिखित शिकायत तुरंत कृषि अधिकारियों को करें, ताकि उचित कार्यवाही की जा सके।
(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)
(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़, टेलीग्राम, व्हाट्सएप्प)
कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:
www.krishakjagat.org/kj_epaper/
कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें: