खाद के लिए परेशान हो रहे किसान, सोसायटियों में खाद विक्रय बंद
29 अक्टूबर 2022, इंदौर: खाद के लिए परेशान हो रहे किसान, सोसायटियों में खाद विक्रय बंद – रबी सीजन के लिए किसानों खाद की आवश्यकता है, लेकिन जिले के किसानों को खाद के लिए परेशान होना पड़ रहा है। किसानों को उनकी ज़रूरत के मुताबिक खाद नहीं मिल रहा है। इंदौर जिले की सोसायटियों में खाद विक्रय बंद होने से परेशानी और बढ़ गई है। लक्ष्मीबाई अनाज मंडी स्थित सहकारी विपणन संघ के गोदाम में भी पर्याप्त मात्रा में खाद उपलब्ध नहीं है।
संयुक्त किसान मोर्चे के संयोजक श्री रामस्वरूप मंत्री एवं श्री बबलू जाधव ने कृषक जगत को बताया कि कल करीब डेढ़ सौ किसान सुबह 6 बजे से लक्ष्मी बाई नगर मंडी स्थित विपणन संघ के कार्यालय पर कतार लगा कर खड़े हो गए थे। कार्यालय खुलने पर बताया गया कि केवल 25 किसानों को ही खाद दी जाएगी । इस पर किसानों के हंगामे के बाद 50 किसानों को खाद दिया गया तथा शेष किसानों को सोमवार को खाद वितरण किए जाने के टोकन वितरित किए गए। किसान नेताओं ने कहा कि पहले पूरे जिले में 25-30 सोसाइटी पर नगद खाद बिक्री की व्यवस्था की गई थी, लेकिन किसान संगठनों ने सभी सोसाइटी से खाद बेचने की मांग की थी। इस मामले में मुख्यमंत्री ने कलेक्टर को खाद वितरण और विक्रय की समुचित व्यवस्था करने के निर्देश दिए थे। इंदौर कलेक्टर ने अपना पूर्व का आदेश निरस्त करते हुए दीपावली पूर्व कहा था कि खाद वितरण की नई व्यवस्था की जाएगी ।लेकिन अभी तक कोई नया आदेश नहीं आने से जिले की सभी 130 से ज्यादा सोसाइटी में खाद विक्रय बंद है, केवल लक्ष्मीबाई अनाज मंडी स्थित सहकारी विपणन संघ के गोदाम से ही खाद वितरण किया जा रहा है और वहां भी पर्याप्त मात्रा में खाद उपलब्ध नहीं है।यदि जिले की सभी ग्रामीण सोसाइटी पर गैर सदस्य और डिफाल्टर किसानों के लिए नगद खाद बिक्री की व्यवस्था कर दी जाए तो ना तो कोई हंगामा होगा और ना ही किसानों को परेशान होना पड़ेगा।
ग्राम चित्तोड़ा के किसान श्री जितेन्द्र जाधव ने कृषक जगत को बताया कि यूरिया लेने के लिए सुबह 6 बजे से ही लक्ष्मीबाई अनाज मंडी स्थित सहकारी विपणन संघ के गोदाम में कतार में लग गए थे। गोदाम खुलने पर कहा गया कि सिर्फ 25 किसानों को ही खाद दिया जाएगा। इस पर आक्रोशित किसानों के हंगामे के बाद 50 किसानों को खाद दिया गया।बाकी को सोमवार के लिए टोकन दिए गए। बड़ी मशक्कत के बाद 45 बीघा ज़मीन के लिए 40 बोरी यूरिया दिया गया। श्री जाधव ने कहा कि हमारी मेंढकवास सोसायटी में एनपीके 15 :15 :15 उपलब्ध है , लेकिन हमें तो 12 :32 :16 चाहिए। नए एनपीके 15 :15 :15 की गुणवत्ता पता नहीं है। कहीं फसल को नुकसान न पहुंचा दे, इसलिए नहीं लिया। वहीं सिंदोड़ा के किसान श्री दिनेश चौधरी ने बताया कि 40 बीघा ज़मीन है, जिसके लिए लक्ष्मीबाई अनाज मंडी गोदाम से मात्र 20 बोरी यूरिया मिला। इफ्को भी नहीं मिला। किसान को एक बीघा पर एक बोरी खाद दिया जा रहा है। यहाँ तो यूरिया निर्धारित कीमत 266 :50 रु पर ही दिया जा रहा है , लेकिन पूर्ति नहीं हो पा रही है ,जबकि काला बाज़ार में 350 से 400 रुपए प्रति बोरी में यूरिया उपलब्ध है।
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