राज्य कृषि समाचार (State News)

कम्पेास्ट के प्रति कृषक जागरूक

गणतंत्र दिवस में जैविक खेती पर झांकी प्रथम

नीमच। जैविक खेती के प्रति जागरूकता ने जिले के कृषकों को डीकम्पोस्ट के उपयोग की ओर आकर्षित किया है। जिले के उप संचालक कृषि श्री सज्जन सिंह चौहान बताते हैं कि कम्पोस्ट एक कार्बनिक या जैविक पदार्थ है जिसे कृषि अवशेषों को सड़ा गला कर बनाया जाता है। कम्पोस्ट को उर्वरक की तरह उपयोग करने से पौधों को बढऩे में सहायता मिलती है। जिससे वातावरण स्वच्छ कम लागत एवं गुणवत्तायुक्त अनाज का उत्पादन होता है। कम्पोस्ट शीघ्र तैयार करने के लिये कृषकों को डीकम्पोजर कृषि विज्ञान केंद्र के माध्यम से उपलब्ध कराया जा रहा है।
उप संचालक कृषि श्री चौहान ने जिले के ग्राम दारूखेड़ा में कृषक श्री राधेश्याम धाकड़ के खेत का अवलोकन किया यहां पूर्णत: डीकम्पोजर से निर्मित कम्पोस्ट खाद का फसलों में उपयोग हुआ। इसमें आश्चर्यजनक परिणाम स्वयं देखे गये। श्री धाकड़ ने अपने खेत पर गेहूं, चना, सरसों आदि फसलों में इसका उपयोग किया था। जिले में इस वर्ष गणतंत्र दिवस समारोह में विभाग द्वारा निकाली गई झांकी को भी जैविक खेती के चित्रण हेेतु प्रथम पुरस्कार जिला कलेक्टर श्री अजय गंगवार ने प्रदान किया था।

रबी का रकबा बढ़ा

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उप संचालक कृषि श्री चौहान बताते हैं कि इस वर्ष अधिक वर्षा होने से रबी का रकबा बढ़ा है।
कुल 1 लाख 26 हजार हेक्टेयर में रबी फसलें बोई गई हैं। जिसमें गेहूं 93 हजार हेक्टेयर चना 21 हजार हेक्टेयर, सरसों 6 हजार हेक्टेयर एवं अन्य फसलों में अलसी, मटर, मसूर, जौ आदि की बोनी की गई हैं। जबकि पिछले वर्ष 1 लाख 19 हजार हेक्टेयर में रबी फसलों की बोनी हुई थी। वर्तमान में फसलों की स्थिति बहुत अच्छी है एवं रिकॉर्ड उत्पादन होने की संभावना है।

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