तौल और मोल दोनों में लूटे जा रहे किसान व्यापारियों द्वारा अनाज की अवैध तरीके से की जा रही कटौती
27 मई 2024, इंदौर: तौल और मोल दोनों में लूटे जा रहे किसान व्यापारियों द्वारा अनाज की अवैध तरीके से की जा रही कटौती – इंदौर की लक्ष्मीबाई अनाज मंडी में मंडी समिति के कर्मचारियों, अधिकारियों की लापरवाही के कारण व्यापारियों की मनमानी जारी है। व्यापारी, किसानों का माल तो औने – पौने दामों पर खरीद ही रहे हैं , साथ ही तौल में भी बेईमानी करके किसानों से 200 ग्राम प्रति क्विंटल की अवैध कटौती कर रहे हैं। यह आरोप संयुक्त किसान मोर्चा के पदाधिकारियों ने लगाते हुए मंडी समिति को लिखित शिकायत भी की लेकिन मंडी समिति द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई।
संयुक्त किसान मोर्चा के श्री रामस्वरूप मंत्री ,श्री बबलू जाधव और श्री शैलेंद्र पटेल ने बताया कि मंडी समिति की निष्क्रियता के कारण किसानों को व्यापारियों की मनमानी और ठगी का शिकार होना पड़ रहा है । श्री जाधव ने देपालपुर तहसील के ग्राम बड़ोदा के किसान श्री विष्णु पिता चंदन सिंह बड़वाया के साथ हुई घटना का जिक्र करते हुए कहा कि तुलाई में उनके गेहूं का वजन 41 क्विंटल 5 किलो था ,लेकिन खरीदार पंजीकृत व्यापारी श्रीजी इंटरप्राइजेस ने उन्हें 40 क्विंटल 85 किलो गेहूं का ही भुगतान किया। 20 किलो गेहूं की अवैध कटौती की गई।लक्ष्मीबाई नगर अनाज मंडी में पूर्व में भी ऐसी कई घटनाएं सामने आने पर किसान मोर्चा ने आपत्ति ली थी, तो कुछ दिनों तक तो यह सिलसिला बंद रहा लेकिन अब फिर व्यापारियों ने अपनी मनमानी शुरू कर दी है । इस मंडी में भोपाल मंडी बोर्ड के एमडी के सख्त आदेशों का भी पालन नहीं किया जा रहा है। संयुक्त किसान मोर्चा ने मांग की है कि तौल कांटे पर फसल का जितना वजन आए उस हिसाब से व्यापारी से भुगतान दिलाया जाए। मंडी में अवैध कटौती बंद की जाए और ऐसा करने वाले व्यापारियों के लाइसेंस निरस्त किए जाएं।
इस बारे में संबंधित किसान श्री विष्णु पिता चंदन सिंह बड़वाया ने कृषक जगत को बताया कि गत गुरूवार को इंदौर की लक्ष्मीबाई अनाज मंडी में गेहूं बेचने गया था, जिसे 2581 रु / क्विंटल की दर से पंजीकृत व्यापारी श्रीजी इंटरप्राइजेस ने खरीदा था। मंडी के बड़े कांटे पर गेहूं का वजन 41 क्विंटल 5 किलो निकला था, लेकिन जब भुगतान लेने उक्त व्यापारी के पास गया तो उन्होंने 20 किलो वजन कम कर 40 क्विंटल 85 किलो गेहूं का ही भुगतान किया। मैंने जब आपत्ति ली तो उन्होंने कहा कि यही नियम है। हमारे यहाँ तौलने पर 20 किलो गेहूं कम निकला था। बहस करने पर बिल नहीं बनाने की भी बात कही थी। मन मसोसकर कम राशि लेकर लौटना पड़ा।