नर्मदा किनारे सघन पौध-रोपण पर जोर: पंचायतों में विकास कार्यों के लिए मंत्री पटेल ने दिए निर्देश
20 नवंबर 2024, भोपाल: नर्मदा किनारे सघन पौध-रोपण पर जोर: पंचायतों में विकास कार्यों के लिए मंत्री पटेल ने दिए निर्देश – पंचायत और ग्रामीण विकास मंत्री श्री प्रहलाद सिंह पटेल ने मध्यप्रदेश में पंचायतों के विकास कार्यों को और प्रभावी बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायतों में विकास योजनाएं परिणाम आधारित (रिजल्ट ओरिएंटेड) होनी चाहिए। नर्मदा नदी के किनारे सघन पौध-रोपण के साथ-साथ तालाबों और बावड़ियों के जीर्णोद्धार को प्राथमिकता दी जाए।
मनरेगा और पौध-रोपण पर विशेष ध्यान
मंत्री श्री पटेल ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत किए जा रहे कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने निर्देश दिए कि जिन जनपद पंचायतों में श्रम और सामग्री का अनुपात संतुलित है, वहां ग्रेवल रोड, खेत तालाब और अन्य नए कार्यों को स्वीकृति दी जाएगी। इन कार्यों के लिए 1 से 3 करोड़ रुपये तक की राशि मंजूर की जा रही है।
पौध-रोपण को लेकर उन्होंने कहा कि इसे जल स्त्रोतों के निकट किया जाए ताकि पौधों का सर्वाइवल रेट अधिक हो। नर्मदा नदी के किनारे सघन पौध-रोपण के साथ-साथ मनरेगा के तहत लगाए गए पौधों को बाउंड्रीवॉल से संरक्षित करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया।
ग्रामीण सड़कों और स्कूलों में सुधार
श्री पटेल ने खेत सड़क और सुदूर सड़क योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों की सड़कों की मांग को प्राथमिकता के आधार पर चिन्हित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि स्कूल शिक्षा विभाग के तहत स्कूलों की बाउंड्रीवॉल निर्माण में मनरेगा कन्वर्जेंस रेट तय किया जाए ताकि स्कूल परिसरों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
ग्रामीण क्षेत्रों में बांस का उपयोग बढ़ाने पर बल देते हुए मंत्री ने कहा कि बांस से बनी बाउंड्रीवॉल न केवल प्राकृतिक रूप से मजबूत होती है, बल्कि यह टिकाऊ और सुंदर भी होती है। उन्होंने पौध-रोपण के क्षेत्रों में बांस रोपण की संभावनाओं को तलाशने पर जोर दिया।
ग्राम पंचायतों में अन्य विकास कार्य
मंत्री श्री पटेल ने निर्देश दिए कि पंचायत भवन विहीन ग्राम पंचायतों में सामुदायिक भवन का निर्माण किया जाए। उन्होंने विश्राम घाट शेड के साथ बाउंड्रीवॉल और परिसर में पौध-रोपण को भी शामिल करने की बात कही। इसके अलावा, सामुदायिक स्वच्छता परिसरों के निर्माण और उनके रखरखाव पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए।
खेत तालाब योजना के अंतर्गत किसानों को अधिक लाभ पहुंचाने पर जोर देते हुए मंत्री ने कहा कि जहां मिट्टी की संरचना के कारण तालाब निर्माण में कठिनाई हो रही है, वहां नवाचारी प्रयोग किए जा सकते हैं। इसके लिए अधिकारियों को महाराष्ट्र मॉडल का अध्ययन कर रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए गए।
मंत्री ने पंचायतों में सौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए नवकरणीय ऊर्जा विभाग के साथ मिलकर एक स्पष्ट कार्ययोजना बनाने की बात कही। उन्होंने अनुकंपा नियुक्ति के मामलों का शीघ्र निराकरण करने और विधानसभा के लंबित मामलों को समय-सीमा में निपटाने के निर्देश भी दिए।
बैठक में वरिष्ठ अधिकारियों की भागीदारी
समीक्षा बैठक में प्रमुख सचिव श्रीमती दीपाली रस्तोगी, मप्र ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री दीपक आर्य, आयुक्त मनरेगा श्री अवि प्रसाद समेत अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
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