राज्य कृषि समाचार (State News)

जलवायु अनुकूल कृषि कार्यक्रम के तहत बिहार में किसानों का शैक्षणिक भ्रमण

10 मार्च 2025, जबलपुर: जलवायु अनुकूल कृषि कार्यक्रम के तहत बिहार में किसानों का शैक्षणिक भ्रमण – जलवायु अनुकूल कृषि कार्यक्रम के अंतर्गत मध्यप्रदेश के किसानों को आधुनिक खेती की उन्नत तकनीकों से अवगत कराने के लिए 3 मार्च से 9 मार्च तक एक सप्ताह का शैक्षणिक भ्रमण  का आयोजन बोरलॉग इंस्टीट्यूट फॉर साउथ एशिया जबलपुर और किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग मध्य प्रदेश के संयुक्त तत्वावधान में प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर डॉ. पंकज कुमार के नेतृत्व में  किया गया। इस भ्रमण में कृषि  विभाग मध्य प्रदेश के सहयोग से 9 जिलों के 15 किसानों किसानों को बिहार के प्रमुख कृषि अनुसंधान संस्थानों और खेतों का दौरा कराया गया।  

इस दौरान  किसानों ने बिसा रिसर्च स्टेशन, पूसा, समस्तीपुर का दौरा किया। यहां किसानों ने मक्का बीज उत्पादन और हाइब्रिडाइजेशन , संरक्षित कृषि (CRA) पद्धतियों, हाई-टेक मशीनरी और आधुनिक खेती तकनीकों की बारीकियों को समझा। किसानों ने मशीनरी के उपयोग से बढ़ती उत्पादकता और लागत में कमी के महत्व को करीब से जाना।  इसके बाद भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान), पूसा, बिहार में गेहूं के बीज उत्पादन और हाइब्रिडाइजेशन की उन्नत तकनीक को सीखा। यहां किसानों को पपीता की खेती और पूसा ड्वार्फ किस्म के बीज भी प्राप्त हुए। संस्थान में आधुनिक शोध प्रयोगशालाओं और खेती के नए प्रयोगों का अवलोकन भी किया गया।  

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अगले दौर में डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, समस्तीपुर  में किसानों ने मौसम और जलवायु परिवर्तन के कृषि पर प्रभाव और उससे निपटने के लिए अपनाई जाने वाली नवीन तकनीकों के बारे में गहन जानकारी प्राप्त की। किसानों को जलवायु अनुकूल खेती के विविध पहलुओं पर विस्तृत प्रशिक्षण दिया गया।  फिर किसानों को गन्ना अनुसंधान संस्थान, बिहार ले जाया गया, जहां उन्होंने गन्ने की आधुनिक खेती , नवीनतम गन्ना किस्मों और उत्पादन क्षमता बढ़ाने की उन्नत तकनीकों  के बारे में सीखा। किसानों ने रोग प्रतिरोधक गन्ना किस्मों और उन्नत बीजों का भी अवलोकन किया।भ्रमण के अंतिम पड़ाव में किसानों को बिहार के वैशाली जिले के किसानों  के खेतों में CRA के तहत चल रही ज़ीरो टिलेज, बेड प्लांटिंग मक्का  और मक्का-आलू सहफसल  जैसी आधुनिक तकनीकों को प्रत्यक्ष रूप से देखा और जाना। खेतों में प्रयोग होने वाली इन पद्धतियों ने किसानों को जलवायु अनुकूल खेती के व्यावहारिक रूप से अपनाए जाने वाले मॉडल्स की बारीकी से जानकारी दी।  इस दौरे ने किसानों को अत्याधुनिक कृषि तकनीकों, जलवायु अनुकूल खेती पद्धतियों और नवीनतम शोध कार्यों से जोड़ते हुए उनके ज्ञान को समृद्ध किया। ऐसे शैक्षणिक भ्रमण न केवल किसानों को सशक्त बनाते हैं, बल्कि उनकी कृषि उत्पादकता को भी नई ऊंचाइयों पर ले जाते हैं।

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