राज्य कृषि समाचार (State News)

प्रोटीन खाएं, सेहत बनाएं

18 सितम्बर 2024, भोपाल: प्रोटीन खाएं, सेहत बनाएं – दूध, दही, पनीर, मांस, मछली, इडली-डोसा, दाल, चावल, सोयाबीन, मटर, चना, मूंगफली, अंकुरित पदार्थों में प्रोटीन अधिक मात्रा में पाया जाता है। स्वस्थ व्यक्ति के लिए पर्याप्त मात्रा में विटामिन, प्रोटीन, खनिज, लवण, कार्बोहाइड्रेट, बसा इत्यादि की आवश्यकता होती है। इन्हीं पदार्थों के कारण हम स्वस्थ एवं निरोग रह सकते हैं। प्रोटीन इन सभी से अधिक महत्वपूर्ण हैं। प्रोटीन से ही बढ़ते हुए बच्चे का विकास होता है। प्रोटीन से तन्तुओं का निर्माण होता है तथा टूटे हुए तन्तु फिर से बनते हैं। शरीर के निर्माण में यह अपनी अहम भूमिका निभाता है व पाचक रसों का निर्माण करता है। प्रोटीन में नाइट्रोजन अधिक मात्रा में रहता है। इसमें कार्बन, हाइड्रोजन, आक्सीजन, गंधक तथा फास्फोरस भी होता है। प्रोटीन हम विभिन्न खाद्य पदार्थों से प्राप्त कर सकते हैं जैसे दूध, दही, पनीर, मांस, मछली, इडली-डोसा, दाल, चावल, सोयाबीन, मटर, चना, मूंगफली, अंकुरित पदार्थों में अधिक मात्रा में पाया जाता है। सोयाबीन में भी 40 प्रतिशत प्रोटीन पाया जाता है। आटे के चोकर में भी पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन मिलता है। गेहूं में 11.8 प्रतिशत प्रोटीन मिलता है। चोकर निकाल देने से प्रोटीन की मात्रा नष्ट हो जाती है। हाथ से निकाले गए चावलों में 80 प्रतिशत प्रोटीन अधिक मिलेगा, जबकि मशीन द्वारा निकाले गए चावलों में प्रोटीन की अधिकतर मात्रा नष्ट हो जाती है।

प्रोटीन सभी हरे पत्तेदार सब्जियों में थोड़ा बहुत मिलता है। फलों में भी प्रोटीन की मात्रा पाई जाती है। प्रोटीन सेब में 0.3 प्रतिशत, केलों में 1.3 प्रतिशत व अंगूर में 0.8 प्रतिशत प्रोटीन पाया जाता है। प्रोटीन की आवश्यकता एक साल के बच्चे से लेकर वृद्धावस्था तक होती है।

Advertisement
Advertisement

गर्भवती महिलाओं के लिये व दूध पिलाने वाली माताओं को प्रोटीन अधिक उपयोगी है। बढ़ते बच्चों के लिये प्रोटीन की आवश्यकता अधिक होती है। प्रोटीन के अभाव में छोटे बच्चों को सूखा रोग न हो, इसके लिये बच्चे को फलों का रस देना चाहिए। छोटे बच्चों को 33 ग्राम, किशोर बच्चों के लिए 2 ग्राम, युवकों के लिए 1 ग्राम प्रोटीन की आवश्यकता होती है. प्रोटीन से हड्डियां मजबूत होती हैं व दांत व मसूड़े मजबूत होते हैं। कोशिकाएं मजबूत बनती हैं।

हमारे देश में दालें पर्याप्त मात्रा में हर व्यक्ति नहीं लेता, इस कारण हर व्यक्ति में प्रोटीन की कमी हो जाती है। प्रोटीन की कमी के कारण बाल बेजान बने रहते हैं और काफी मात्रा में गिरते हैं। त्वचा में चमक नहीं रहती, एलर्जी होने की संभावना रहती है। शरीर अस्वस्थ रहता है। शरीर का समुचित विकास नहीं हो पाता। त्वचा पर दाग-धब्बे पड़ जाते हैं।

Advertisement8
Advertisement

प्रोटीन की अधिक मात्रा आप शीतऋतु में ही ले सकते हैं। गर्मी के मौसम में प्रोटीन की मात्रा कम लेनी चाहिए। क्योंकि प्रोटीन में कार्बोज – कार्बोहाइड्रेट की मात्रा अधिक होती है।
कार्बोज और कार्बोहाइड्रेट की मात्रा से शरीर को गर्मी मिलती है। वर्षाऋतु के मौसम में भी प्रोटीन का प्रयोग सीमित मात्रा में करना चाहिए।

Advertisement8
Advertisement

(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़,  टेलीग्रामव्हाट्सएप्प)

(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)

कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

www.krishakjagat.org/kj_epaper/

कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

www.en.krishakjagat.org

Advertisements
Advertisement5
Advertisement