डिजिटल सिस्टम से तेज हुई MSP खरीद, यूपी में 25 लाख मीट्रिक टन धान की बिक्री; 4 लाख से ज्यादा किसान जुड़े
20 दिसंबर 2025, भोपाल: डिजिटल सिस्टम से तेज हुई MSP खरीद, यूपी में 25 लाख मीट्रिक टन धान की बिक्री; 4 लाख से ज्यादा किसान जुड़े – उत्तर प्रदेश में खरीफ मार्केटिंग वर्ष 2025-26 के दौरान न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर फसलों की खरीद को लेकर सरकार की तैयारियों का असर साफ दिखाई दे रहा है। इस बार धान के साथ-साथ मोटे अनाजों की सरकारी खरीद में भी उल्लेखनीय बढ़ोतरी दर्ज की गई है। खास बात यह है कि डिजिटल और पारदर्शी व्यवस्था के चलते किसानों का भरोसा बढ़ा है और बड़ी संख्या में किसान सरकारी खरीद प्रणाली से जुड़ रहे हैं।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, प्रदेश में अब तक MSP पर 25 लाख मीट्रिक टन से अधिक धान की खरीद की जा चुकी है। इस प्रक्रिया में 4 लाख से ज्यादा किसान सीधे तौर पर शामिल हुए हैं। पिछले वर्ष की तुलना में न केवल खरीद की मात्रा बढ़ी है, बल्कि सरकारी केंद्रों पर फसल बेचने वाले किसानों की संख्या में भी अच्छा इजाफा देखने को मिला है।
4 लाख से अधिक किसान सरकारी खरीद प्रणाली से जुड़े
धान खरीद के आंकड़ों पर नजर डालें तो अब तक 4,09,444 किसान सरकारी खरीद व्यवस्था से जुड़ चुके हैं, जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह संख्या 3,73,840 थी। इससे साफ है कि हजारों नए किसानों ने इस बार अपनी उपज निजी व्यापारियों के बजाय सीधे सरकारी क्रय केंद्रों पर बेचना बेहतर समझा है। MSP पर भरोसे और समय पर भुगतान ने किसानों को इस व्यवस्था से जोड़ने में अहम भूमिका निभाई है।
ऑनलाइन सिस्टम से आसान हुई खरीद प्रक्रिया
राज्य सरकार ने खरीद प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाने के लिए ऑनलाइन सिस्टम को और मजबूत किया है। किसान पंजीकरण, सत्यापन, तौल और भुगतान जैसी सभी प्रक्रियाएं डिजिटल होने से बिचौलियों की भूमिका लगभग खत्म हो गई है। इसका नतीजा यह रहा कि किसानों को अपनी उपज का पैसा सीधे बैंक खातों में मिलने लगा है। अब तक करीब 5,569.97 करोड़ रुपये किसानों के खातों में ट्रांसफर किए जा चुके हैं, जिससे भुगतान में देरी की शिकायतें काफी हद तक कम हुई हैं।
4,743 क्रय केंद्रों से किसानों को मिली सुविधा
प्रदेश में इस साल धान खरीद के लिए 4,743 क्रय केंद्र संचालित किए जा रहे हैं, जो पिछले वर्ष के मुकाबले अधिक हैं। इससे किसानों को अपने गांव या नजदीकी क्षेत्र में ही फसल बेचने की सुविधा मिल रही है। परिवहन लागत कम होने के साथ-साथ समय की भी बचत हो रही है।
19 दिसंबर 2025 तक 8,82,988 किसानों ने पंजीकरण कराया, जिनमें से 6,68,698 किसानों का सत्यापन पूरा हो चुका है। पिछले साल इसी समय तक पंजीकरण और सत्यापन के आंकड़े इससे कम थे।
मोटे अनाजों की खरीद में भी दिखा उछाल
धान के साथ-साथ मोटे अनाजों की सरकारी खरीद में भी तेजी आई है। इस साल बाजरे की खरीद 1,72,109.30 मीट्रिक टन तक पहुंच गई है, जबकि पिछले वर्ष यह आंकड़ा 81,058.91 मीट्रिक टन था। बाजरा बेचने वाले किसानों की संख्या भी बढ़कर 41,568 हो गई है, जो बीते साल 15,096 थी।
वहीं ज्वार की खरीद में भी सुधार दर्ज किया गया है। चालू वर्ष में 26,448.60 मीट्रिक टन ज्वार की खरीद की गई है, जिसमें 7,814 किसान शामिल हुए हैं। ज्वार किसानों को अब तक 91.49 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है। इसके लिए प्रदेश में 82 ऑनलाइन क्रय केंद्र संचालित किए जा रहे हैं।
आपने उपरोक्त समाचार कृषक जगत वेबसाइट पर पढ़ा: हमसे जुड़ें
> नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़, व्हाट्सएप्प
> कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें
> कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें: E-Paper
> कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें: Global Agriculture


