राज्य कृषि समाचार (State News)पशुपालन (Animal Husbandry)

उप संचालक मत्स्य पालन ने मांगुर मछली से होने वाले नुकसान बताए  

13 फ़रवरी 2025, रीवा: उप संचालक मत्स्य पालन ने मांगुर मछली से होने वाले नुकसान बताए – उप संचालक मत्स्योद्योग डॉ. अंजना सिंह ने मछली मार्केट का आकस्मिक निरीक्षण किया तथा मछली विक्रेताओं को जहरीली थाई मांगुर मछली से होने वाले नुकसान के बारे में  बताया । उन्होंने मत्स्य विक्रेताओं को इस मछली के पालन विक्रय पर भारत सरकार द्वारा प्रतिबंध एवं विक्रय करते पाए जाने पर चालन करते हुए जुर्माना के प्रावधान के बारे में भी बताया।

ज्ञातव्य है कि थाई मांगुर मछली एक मांसाहारी मछली है। यह  सड़े  गले मांस खाकर जल्दी बड़ी होने वाली मछली है इसलिए मत्स्य पालक  इसे आसानी से पाल लेते  हैं।  इसको पालने में कम खर्च आता है। यह सिंगल कांटे की मछली है इसलिए मछली खाने वाले इसे पसंद करते  हैं , परंतु इसके अंदर पाए जाने वाले हानिकारक तत्वों से अनभिज्ञ रहते हैं।

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डॉ सिंह द्वारा ने बताया कि समय – समय पर विभिन्न प्रचार माध्यमों से जनता एवं मत्स्य विक्रेताओं को यह जानकारी प्रदान की जाती है कि थाई मांगुर मछली में हैवी मेटल जिंक लेड क्रोमियम आदि पाए जाते  हैं , जो इंसान के शरीर में स्लो पॉइजन की तरह कार्य करते  हैं।  इसका असर मानव शरीर में तुरंत नहीं दिखाई देता परन्तु यह कई प्रकार की जेनेटिक बीमारियों को पैदा करती है। इसलिए भारत सरकार द्वारा इस मछली के पालन/ विक्रय/आयात/निर्यात पर पूर्णतया प्रतिबंध लगाया गया है।

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