कड़ाके की ठंड में बीमार पड़ सकते हैं दुधारू पशु, सर्दी से बचाव के लिए तुरंत अपनाएं ये उपाय
15 नवंबर 2025, भोपाल: कड़ाके की ठंड में बीमार पड़ सकते हैं दुधारू पशु, सर्दी से बचाव के लिए तुरंत अपनाएं ये उपाय – नवंबर के महीने में ठंड का असर देश के लगभग सभी राज्यों में बढ़ने लगा है। कड़ाके की ठंड और शीतलहर का सीधा असर सिर्फ आम लोगों पर ही नहीं बल्कि दुधारू पशुओं पर भी पड़ रहा है। पशुपालकों के लिए यह समय चुनौतीपूर्ण बन गया है, क्योंकि सर्द मौसम में मवेशियों का स्वास्थ्य प्रभावित होने से दूध उत्पादन में कमी आ सकती है।
मवेशियों के लिए सर्दी के संकेत
विशेषज्ञों के अनुसार, सर्द मौसम में दुधारू मवेशियों को ठंड लगने के अलावा पेट की समस्या, थकान और कमजोरी जैसी समस्याएं हो सकती हैं। चूंकि पशु अपनी तकलीफ बोलकर नहीं बता सकते, इसलिए उनके व्यवहार और खाने-पीने की आदतों में बदलाव को समझना जरूरी है।
दुधारू पशुओं को ठंड से बचाने के 7 आसान उपाय:
1 . संतुलित आहार और पोषक तत्व: सर्दियों में मवेशियों को संतुलित आहार देना बेहद जरूरी है। इसके साथ ही नमक और गुड़ का घोल बनाकर पिलाने से उनकी सेहत बनी रहती है।
2. बरसीम और सूखा चारा: ठंड में सिर्फ अधिक बरसीम खिलाने से अफरा रोग हो सकता है। बेहतर है कि बरसीम में सूखा चारा मिलाकर दें।
3. पशु चिकित्सक की सलाह: अगर मवेशियों में सर्दी के लक्षण दिखें, तो तुरंत नजदीकी पशु चिकित्सालय से संपर्क करें।
4. दूध दुहन के बाद सफाई: थनैला रोग से बचाव के लिए दुधारू मवेशियों का दूध निकालने के बाद थन को कीटनाशक घोल से धोएं।
5. सर्दी में गर्म रखरखाव: सुबह-शाम मवेशियों को जूट का बोरा ओढ़ाएं। वहीं, जहां पशु बंधे हैं, वहां आग जलाकर उन्हें गर्म रखा जा सकता है।
6. पुआल का बिछाव: ठंड से बचाव के लिए मवेशियों के बंधन स्थल पर पुआल बिछाएं। यह उन्हें गर्मी देता है और मवेशियों की सुरक्षा करता है।
7. ओढ़नी और बिछावन की सफाई: मवेशियों की ओढ़नी और बिछावन सूखी होनी चाहिए। गीली ओढ़नी या पुआल सर्दी को बढ़ा सकती है।
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